बांगड़ चिकित्सालय के एक चिकित्सक ने 19 नवम्बर को अपने घर पर एक मरीज जांच की। उसका ऑक्सीजन लेवल 93 लिखा। उसे कोविड संदिग्ध बताया और पर्ची पर आसीयू में भर्तीं करने का लिखा गया। वास्तव में इस मरीज को आइसीयू की जरूरत भी नहीं है। ऐसे ही एक अन्य मरीज के 22 नवम्बर की पर्ची में ऑक्सीजन 93 है। वह भी कोविड संदिग्ध है, लेकिन उसके आइसोलेशन में भर्ती करना लिख्शा गया है। जबकि एक दूसरी पर्ची में एक कोविड संदिग्ध की सीबीसी, सीआरपी, आरएफटी, एचआरसीटी सहित सभी जांचे बाहर से लिखी गई है। जबकि यह सभी जांचे अस्पताल में भी करवाई जा सकती है। इस मरीज का ऑक्सीजन लेवल चिकित्सक ने घर की पर्ची पर 83 दर्ज किया है। ऐसे में उसे तुरन्त अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए था। जांचें भी भीतर ही करवाई जानी थी।
इसकी जांच करवाकर करेंगे कार्रवाई किसी कोविड संदिग्ध को भर्ती करने पर उसकी जांच अस्पताल में फ्री करवाई जा सकती है। बाहर से लिखने की जरूरत नहीं है। आइसीयू की जरूरत नहीं होने पर भी आइसीयू में भर्ती करने का लिखना भी गलत है। ऐसा जिसने भी किया है। उसकी जांच करवाकर कार्रवाई की जाएगी।
केसी अग्रवाल, कार्यवाहक प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज, पाली