भगवान आशुतोष के प्रिय मास श्रावण में श्रद्धालु सुबह जल से भरा कलश, बिल्व पत्र, आक के फूल, धतूरा व विजया लेकर शिव मंदिरों में पहुंचे। वहां शिव पंचाक्षर और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। कैलाशपति को बिल्व पत्र, धतूरा, आक के फूल और विजया आदि अर्पित कर कोरोना महामारी को समाप्त करने के साथ परिवार व देश के लिए मंगल प्रार्थना की। कई लोगों ने रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का उच्चारण करते हुए महादेव का ईक्षु रस व जल से अभिषेक कर शीश नवाया।
सोमनाथ में लगी कतार
शहर के हृदय स्थल पर विराजमान सोमनाथ महादेव मंदिर में शिव परिवार के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी। इसके अलावा लाखोटिया महादेव, मंडलेश्वर, निहालेश्वर, रुद्राक्ष महादेव, नंदेश्वर, ओमकारेश्वर, पातालेश्वर, नृसिंह भगवान मंदिर में विराजमान महादेव, टैगोर नगर स्थित शिवालय, नया गांव शिव मंदिर, बापू नगर स्थित शिव मंदिर, निहालेश्वर महादेव, बड़लेश्वर महादेव आदि मंदिरों में श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ का पूजन किया।
शहर के हृदय स्थल पर विराजमान सोमनाथ महादेव मंदिर में शिव परिवार के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी। इसके अलावा लाखोटिया महादेव, मंडलेश्वर, निहालेश्वर, रुद्राक्ष महादेव, नंदेश्वर, ओमकारेश्वर, पातालेश्वर, नृसिंह भगवान मंदिर में विराजमान महादेव, टैगोर नगर स्थित शिवालय, नया गांव शिव मंदिर, बापू नगर स्थित शिव मंदिर, निहालेश्वर महादेव, बड़लेश्वर महादेव आदि मंदिरों में श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ का पूजन किया।
महिलाओं ने गाए भजन
शहर के कई शिव मंदिरों में महिलाओं ने भजन गाकर महादेव का गुणगान किया। सोमनाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं ने शिव भक्ति से ओतप्रोत भजन गाए। लाखोटिया महादेव के दरबार में भजनों की स्वर लहरियों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया।
शहर के कई शिव मंदिरों में महिलाओं ने भजन गाकर महादेव का गुणगान किया। सोमनाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं ने शिव भक्ति से ओतप्रोत भजन गाए। लाखोटिया महादेव के दरबार में भजनों की स्वर लहरियों पर श्रद्धालुओं ने नृत्य किया।