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VIDEO : 180 फीट गहरे कुएं में अचानक मिट्टी ढहने से श्रमिक गिरा, दूसरा रस्सी पकड़कर बचा, रेस्क्यू जारी

locationपालीPublished: Jun 23, 2021 09:52:58 am

Submitted by:

Suresh Hemnani

– पाली जिले के बोरनड़ी की घटना- दूसरा श्रमिक बचा, चार घंटे बाद पहुंचे अधिकारी- एसडीआरफ की टीम पहुंची मौके पर

VIDEO : 180 फीट गहरे कुएं में अचानक मिट्टी ढहने से श्रमिक गिरा, दूसरा रस्सी पकड़कर बचा, रेस्क्यू जारी

VIDEO : 180 फीट गहरे कुएं में अचानक मिट्टी ढहने से श्रमिक गिरा, दूसरा रस्सी पकड़कर बचा, रेस्क्यू जारी

पाली/मारवाड़ जंक्शन। पाली जिले के सोजत रोड थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बोरनड़ी सरहद में स्थित 180 फीट गहरा एक कच्चा कुआं मरम्मत के दौरान ढह गया। इससे मलबे में एक श्रमिक दब गया। उसका साथी पाइप व रस्सी के सहारे बाहर निकल गया, इससे उसकी जान बच गई। मलबे में दबे श्रमिक को निकालने के लिए पुलिस, प्रशासन, एसडीआरफ व ग्रामीणों की टीम देर शाम तक जुटी हुई थी। रेस्क्यू जारी था, लेकिन उसे निकाला नहीं जा सका।
20 फीट की गहराई पर कर रहे थे काम
जानकारी के अनुसार बोरनड़ी गांव सरहद में स्थित बेरा समन्द्रा के एक कुएं पर मंगलवार सुबह 11 बजे बोरनड़ी निवासी नरेन्द्र पुत्र पप्पूराम नायक व जीवन पुत्र उम्मेदराम नायक कुएं के अंदर करीब 20 फीट की गहराई पर सीमेंट के फर्मे लगाने का काम कर रहे थे। इस दौरान कुआं ढह गया। संतुलन बिगडऩ़े से नरेन्द्र 180 फीट गहरे कुएं में गिर गया तथा मिट्टी उसके ऊपर गिर गई। श्रमिक जीवन सिंह के हाथ में गिरते समय रस्सा आ पकड़ में आ गया। जिसके सहारे वह बाहर निकल गया, उसकी जान बच गई। सरपंच धनङ्क्षसह कुम्पावत मौके पर पहुंचकर पुलिस व प्रशासन को सूचना दी। इस पर अतिरिक्त जिला कलक्टर चंद्रभान सिंह भाटी, मारवाड़ जंक्शन प्रधान मंगलाराम देवासी, तहसीलदार रामलाल मीणा, वृताधिकारी वृत सोजत डॉ. हेमंत जाखड़, एसडीआरफ की टीम, सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता भोलाराम, समाजसेवी जोधाराम देवासी जोजावर सहित सोजत रोड पुलिस मय जाप्ता मौके पर पहुंची। कुएं से पानी निकालने का कार्य शुरू करवाया गया। कुएं का पूरा पानी बाहर निकाला जाएगा।
चार घंटे बाद पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी
यह घटना सुबह करीब 11 बजे हुई। अधिकारियों को सूचित भी कर दिया गया, लेकिन चार घंटे बाद दोपहर दो बजे अधिकारी मौके पर पहुंचे। घटना के पांच घंटे बाद भी कुएं से पानी निकालने व रेस्क्यू शुरू नहीं हो पाया। इस पर प्रधान ने अपने निजी स्तर पर दो मोटर लगाकर कुएं से पानी बाहर निकालने का काम शुरू करवाया।
पिता की हो चुकी है मौत, मां कर रही पालन पोषण
नरेन्द्र जब दो वर्ष का था, तब उसके पिता की मौत हो गई थी। जिसके बाद उसकी नरेन्द्र सहित उसकी तीन बहनों का पालन पोषण उनकी मां इन्द्रा देवी ही कर रही थी। इन्द्रा देवी ने मजदूरी करके दो पुत्रियों की शादी करवाई, जो ससुराल जाती है और नरेन्द्र व उसकी छोटी बहन इन्द्रा देवी के पास थे। नरेन्द्र तीन बहनों का इकलौता भाई है।

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