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जमीनों की कुंडली का काम ठप, प्रदेश की 51 तहसीलों में ऑनलाइन का काम अटका

locationपालीPublished: Dec 01, 2021 09:32:07 pm

Submitted by:

rajendra denok

-प्रशासन गावों के संग अभियान

जमीनों की कुंडली का काम ठप, प्रदेश की 51 तहसीलों में ऑनलाइन का काम अटका

जमीनों की कुंडली का काम ठप, प्रदेश की 51 तहसीलों में ऑनलाइन का काम अटका

-राजेन्द्रसिंह देणोक
पाली। जमीनों की कुंडली यानि भूखण्डों का ब्योरा ऑनलाइन करने की केन्द्र की महत्वपूर्ण योजना प्रदेश में शत प्रतिशत सिरे नहीं चढ़ी है। डिजिटल भारत भूखंड ब्योरा आधुनिकीकरण कार्यक्रम (डीआइएलआरएमपी) प्रदेश में बेहतर स्थिति में जरूर कहा जा सकता है, लेकिन 51 तहसीलों का रिकॉर्ड अब तक ऑनलाइन नहीं हुआ है। इनमें 24 नवसृजित तहसीलें भी शामिल है। कई तहसीलों में यह काम पहले से ही मंथर गति से चल रहा था, लेकिन प्रशासन गांवों और शहरों के संग अभियान ने कोढ़ में खाज का काम किया है। अब प्रशासनिक अमला शिविरों में व्यस्त होने के कारण रिकॉर्ड ऑनलाइन करने का काम ठप हो गया है। इससे सभी तहसीलों का ब्योरा ऑनलाइन जुटाने के लिए इंतजार करना पड़ेगा।
जमीनों से जुड़े विवादों और धोखाधड़ी से मुक्ति दिलाने के लिए देशभर में भूखंडों का ब्योरा ऑनलाइन करने का कार्यक्रम 2008 में शुरू हुआ था। शुरुआती दौर में इसे गति नहीं मिली, लेकिन 2016 के बाद इस काम में तेजी आई। प्रदेश में 318 तहसीलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा चुका है। इसके तहत जमीन मालिकों को आधार की तरह 14 अंकों की विशेष पहचान संख्या ‘यूल्पिन’(यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर) जारी किए जा रहे हैं। जिस तरह, आधार कार्ड व्यक्ति की पहचान का महत्वपूर्ण जरिया बन गया है, ठीक इसी तरह जमीन की पहचान भी यूल्पिन से होगी। सभी तहसीलों का ब्योरा ऑनलाइन नहीं होने से इसका फायदा सभी जगह नहीं मिल पाएगा।
ये मिलेगा फायदा
-जमीन की रजिस्ट्री आसानी से होगी।
-बेनामी लेन-देन पर अंकुश लगेगा।
-जमीनों की खरीद-फरोख्त का रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा।
-जमीनों के धोखाधड़ी के मामले रुकेंगे।
-जमीनों की रजिस्ट्री गलत नहीं हो सकेगी।
-एक ही जमीन पर अलग-अलग बैंकों से लोन नहीं किया जा सकेगा।
प्रदेश की स्थिति
कुल तहसील-369
कुल ऑनलाइन तहसील-318
ऑनलाइन से वंचित तहसील-51

देश में यह स्थिति
5220 रजिस्ट्री कार्यालयों में से 4883 ऑनलाइन
7 लाख भूखंडों के यूल्पिन नंबर जारी

21 जिलों का राजस्व रिकॉर्ड ऑनलाइन
प्रदेश के कुल 33 जिलों में से 21 जिलों (झुंझुनू, सीकर, चुरू, जयपुर,श्रीगंगानगर, धौलपुर, प्रतापगढ़, जैसलमेर, अजमेर, झालावाड़, बांसवाड़ा, जालोर, कोटा, उदयपुर, राजसमंद, अलवर, डूंगरपुर, नागौर, बूंदी, भरतपुर, भीलवाड़ा) की सभी तहसीलों में राजस्व रिकॉर्ड को ऑनलाइन किया जा चुका है। इन जिलों में कोई भी व्यक्ति भूखंड का ब्योरा एक क्लिक पर ले सकता है। जमीन मालिकों को विशेष नंबर जारी किए गए हैं।
ये तहसीलें फिसड्डी
जिला-तहसील
पाली-पाली, रोहट
बीकानेर-बज्जु
बारां-छीपाबड़ौद, छबड़ा, शाहबाद
जोधपुर-बालेसर, सेखाला, शेरगढ़, जोधपुर
बाड़मेर-सेड़वा, चौहटन, बाड़मेर, पचपदरा, धनाऊ
हनुमानगढ़-संगरिया
सवाईमाधोपुर-खण्डार
टोंक-मानपुरा, निवाई
दौसा-लालसोट, रामगढ़पंचयारा, राहुवास
सिरोही-शिवगंज, रेवदर, पिण्डवाड़ा
चित्तौडगढ़़-चित्तौडगढ़़, बस्सी

पाली : कहां कब ऑनलाइन
तहसील-ऑनलाइन वर्ष
देसूरी – सितम्बर 2017
सुमेरपुर – मई 2019
बाली – सितम्बर 2019
मा.जंक्शन- मार्च 2020
सोजत – जुलाई 2020
रानी – जुलाई 2020
रायपुर – दिसम्बर 2020
जैतारण-अप्रेल 2021
-प्रशासन गांवों के संग अभियान के कारण रिकॉर्ड ऑनलाइन करने का काम अटक गया है। अभियान पूरा होने के बाद यह काम दोबारा शुरू करेंगे। –सुरेन्द्रकुमार, तहसीलदार, पाली

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