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कांग्रेस जिलाध्यक्ष का अपनों के खिलाफ खुला पत्र… एक-एक बात पढ़ें सिर्फ पत्रिका में…

locationपालीPublished: Dec 11, 2017 02:15:18 pm

Submitted by:

rajendra denok

राज्य सरकार के चार साल पूरे होने पर घेरने की तैयारी

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पाली.

राज्य सरकार के चार साल पूरे होने पर प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर कांग्रेसी नेता एक बार फिर सडक़ पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। किसान कंगाल युवा बेहाल का मुद्दा लेकर प्रत्येक जिला स्तर पर यह प्रदर्शन करने को कहा गया है। लेकिन, इस प्रदर्शन से पहले एक बार फिर का अंदरुनी विश्वास जवाब देता नजर आ रहा है। अब तक के प्रदर्शन और बैठकों से दूर रहने वाले बड़े नेताओं पर इस बार कार्रवाई करने के लिए जिलाध्यक्ष ने प्रदेशाध्यक्ष को पत्र तक लिख दिया है।
कांग्रेस की ओर से 12 दिसम्बर को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाना तय हुआ है। इसके लिए प्रत्येक जिलाध्यक्ष को दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। लेकिन, पाली में कांग्रेस की आपसी खींचतान जगजाहिर है। दो गुटों में बंटे कांग्रेसी नेता अपनी ही पार्टी को हानि पहुंचाते रहे हैं। अब दो दिन बाद के प्रदर्शन की सफलता को लेकर आशंकित कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने प्रदेश नेतृत्व से ऐसे सभी बड़े नेताओं को पाबंद करने को कहा है जो कि पहले किसी ने किसी संवैधानिक पद पर रह चुके हैं, लेकिन जिला कांग्रेस के बैनर तले प्रदर्शनों से दूरियां बनाए रखते हैं।
यह कहा जिलाध्यक्ष ने

जिलाध्यक्ष चुन्नीवाल चाड़वास ने बताया कि बड़े नेता सिफारिशों से प्रदेश प्रतिनिधि बनने वाले एवं अन्य विभागों एवं प्रकोष्ठों में पद लेकर बैठने वाले नेताओं का एआईसीसी एवं प्रदेश कांग्रेस द्वारा आयोजित होने वाले धरने प्रदर्शन में अनुपस्थित रहना गंभीर है। चाड़वास ने कहा कि पार्टी में पद लेकर दुकानदारी चलाने वालों को चेतावनी दी कि वे अब संभल जाए, पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रदेश कांग्रेस एवं एआईसीसी द्वारा जो पार्टी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, उसमें भागीदारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला कांग्रेस कमेटी ऐसे नेताओं की रिपोर्ट पीसीसी को भेजेगी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा करेगी, जो कार्यक्रमों में शामिल नहीं होते।
यह है हकीकत

जिले में सचिन पायलट और अशोक गहलोत को समर्थन करने वाले दो अलग-अलग गुट बने हुए हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष चाड़वास को प्रदेशाध्यक्ष पायलट का करीबी माना जाता है। ऐसे में कांग्रेस जब भी प्रदर्शन या बैठक के नाम पर बड़े नेताओं को बुलाती है तो गहलोत गुट से संबंध रखने वाले कई नेता नहीं पहुंचते। पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़, पूर्व सभापति केवलचंद गुलेच्छा, ब्लॉक अध्यक्ष प्रकाश सांखला और कई पूर्व प्रधान व प्रमुख जैसे कुछ नाम है जो कि जिला कमेटी के कार्यक्रमों से दूरियां बनाए हुए हैं।

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