scriptअब ऑपरेशन फ्लश आउट से लगाएंगे कैदियों पर अंकुश | Operation flush out will put prisoners under control in pali | Patrika News
पाली

अब ऑपरेशन फ्लश आउट से लगाएंगे कैदियों पर अंकुश

– जेलों में मोबाइल आदि मिलने के बाद, जेल में आकस्मिक चैकिंग

पालीMar 02, 2021 / 07:52 am

Suresh Hemnani

अब ऑपरेशन फ्लश आउट से लगाएंगे कैदियों पर अंकुश

अब ऑपरेशन फ्लश आउट से लगाएंगे कैदियों पर अंकुश

पाली। जेलों में मोबाइल, नशीली वस्तुएं मिलने के बढ़ते मामलों को लेकर अब जेलों की आकस्तिक जांच की जाएगी। जिससे की बंदियों के पास मोबाइल, नशीली वस्तु मिले तो दोषी बंदी के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इसके साथ ही जेल में व्यवस्था सुधारने के लिए हार्डकोर बंदियों को कम्फर्ट जोन से अन्य जेलों में शिफ्ट करने आदि की कार्रवाई की जाएगी।
जोधपुर कारागृह में गत दिनों बंदियों से 17 मोबाइल, सिम कार्ड आदि मिले थे। जिससे संभाग के सबसे बड़े जिले की सुरक्षा व जांच व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए थे। इसे देखते हुए महानिदेशक कारागृह राजीव दासोत ने एक आदेश जारी किया। इसके तहत जेलों की आकस्मिक जांच एवं जेल के अंदर पहुंचाई जाने वाली वस्तुओं की जांच करने के सख्त निर्देश दिए। इसके साथ ही जेलों में मोबाइल, चार्जर, अफीम, चरस आदि मादक पदार्थ, बीड़ी, सिगरेट, जर्दा, गुटका एवं अन्य अवांछनीय निषिद्ध वस्तुओं की तस्करी के माध्यम से प्रवेश तथा बंदियों के द्वारा जेलों में अपराधिक गतिविधियों के संचालन पर पूर्ण अंकुश लगाने के लिए महानिदेशालय कारागाह द्वारा ऑपरेशन फ्लश आउट के नाम से विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
पाली जेल में 2019 में मिला था मोबाइल
पाली जिला कारागृह में वर्ष 2019 में रमेश देवासी के कैदी के पास मोबाइल मिला था। जिस पर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई। इसके साथ ही गत दिनों जेल परिसर में किसी ने बीड़ी-सिरगेट आदि फेंके थे। जिस पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ कोतवाली थाने में जेलर ने मामला दर्ज कराया था।
ऑपरेशन फ्लश आउट में यह होगा
– जेलों में आकस्मि जांच की जाए।
– आपराधिक कृत्यों, भ्रष्टाचार एवं मिलीभगत में लिप्त स्टाफ को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
– आंतक फैलाने वाले हार्डकोर बंदियों को अन्यों जेलों में शिफ्ट करने।
– कुछ बंदियों को अवैधानिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर रोक लगाने।
– मुलाकात के बहाने निषिद्ध सामग्री जेलों में प्रवेश पर रोक लगाने।
इन्होंने कहा…
आरएएसी के साथ जेल प्रबंधन मिलकर दिन में एक बार जेल के अंदर आकस्मिक जांच कर रहे है। इसके साथ ही सुबह जेल खुलते समय, फिर 11 बजे और 3 बजे भी जेल के अंदर जांच की जाती है। – इकबला भाटी, जेलर, जिला कारागृह, पाली
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