उन्होंने कहा कि एनजीटी के निर्देशों की पालना हर हाल में करनी होगी अन्यथा उद्योग चलाने नहीं दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि समाधान चाहते हैं या उद्योग बंद करना? यदि समाधान करना है तो 18 माह का शेड्यूल बनाकर दें और जेएलडी की डीपीआर भी जल्द बनाई जाए। जिला कलक्टर ने एनजीटी के निर्देशों को विभागवार रिव्यू करते हुए सभी को समयबद्ध रूप से प्रगति के निर्देश दिए। उन्होंने परिवहन विभाग को भी फटकार लगाई कि एसिड टैंकरों पर अंकुश लगाने के लिए चैकिंग व्यवस्था में सुधार किया जाए। सीईटीपी को भी जेडएलडी लगाने के लिए समयबद्ध प्लान देने की हिदायत दी। सीईटीपी अध्यक्ष प्रवीण कोठारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जल्द से जल्द प्रगति से अवगत कराया जाएगा। बांडी नदी की सफाई को लेकर भी नगर परिषद अधिकारियों से चर्चा की। बैठक के दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर चन्द्र भानसिंह भाटी, उपखण्ड अधिकारी रोहिताश्वसिंह तोमर, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी अमित शर्मा समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
जयपुर पहुंचे उद्यमी, उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री से की मुलाकात
पाली के उद्यमियों ने जयपुर में उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा, पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई, पर्यावरण सचिव सुदर्शन सेठी और सदस्य शैलजा देवल से मुलाकात की। पूर्व सभापति केवलचंद गुलेच्छा की अगुवाई में आरटीएचपी, अध्यक्ष विनय जैन, सचिव प्रदीप सांड, सहसचिव प्रमोद देसरला, सीईटीपी के अरुण जैन, पूर्व अध्यक्ष सुरेश गुप्ता, पूर्व उपाध्यक्ष अमरचंद बोहरा, रमेशचंद मरलेचा और हंसमुख गोयल समेत कई उद्यमियों ने पूरे भारत में पर्यावरण के लिए एक नियम बनाने, इकाइ द्वारा खुद का जेडएलडी लगाने पर ट्रीटमेंट प्लांट में 50 फीसदी सब्सिडी देने चेंज ऑफ मशीनरी की अनुमति देने की मांग उठाई।
पाली के उद्यमियों ने जयपुर में उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा, पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई, पर्यावरण सचिव सुदर्शन सेठी और सदस्य शैलजा देवल से मुलाकात की। पूर्व सभापति केवलचंद गुलेच्छा की अगुवाई में आरटीएचपी, अध्यक्ष विनय जैन, सचिव प्रदीप सांड, सहसचिव प्रमोद देसरला, सीईटीपी के अरुण जैन, पूर्व अध्यक्ष सुरेश गुप्ता, पूर्व उपाध्यक्ष अमरचंद बोहरा, रमेशचंद मरलेचा और हंसमुख गोयल समेत कई उद्यमियों ने पूरे भारत में पर्यावरण के लिए एक नियम बनाने, इकाइ द्वारा खुद का जेडएलडी लगाने पर ट्रीटमेंट प्लांट में 50 फीसदी सब्सिडी देने चेंज ऑफ मशीनरी की अनुमति देने की मांग उठाई।