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पाली

PICS : उप-सभापति बने तो आंखों मं आए आंसू

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4 years ago
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नगर परिषद में पिछले 25 सालों से पति पत्नी ने पार्षद के रूप में सेवा देने के बाद आखिर आज उप सभापति पद पर विजयी होने पर भाजपा पार्षद लालू भाई की आंखों में आंसू आ गए। ललित प्रितमानी जिन्हें लालू भाई के नाम से जाना जाता है वे शुरू से ही सेवा भावी और सरल स्वभाव के रहे है। मजेदार बात तो यह है कि सभापति पद के लिए भाजपा को 37 वोट मिले तो वही उप-सभापति के लिए 39 वोट मिलें। यानि पार्षदां ने लालू भाई को ज्यादा बहुमत देकर सम्मान दिया।

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नगर परिषद में पिछले 25 सालों से पति पत्नी ने पार्षद के रूप में सेवा देने के बाद आखिर आज उप सभापति पद पर विजयी होने पर भाजपा पार्षद लालू भाई की आंखों में आंसू आ गए। ललित प्रितमानी जिन्हें लालू भाई के नाम से जाना जाता है वे शुरू से ही सेवा भावी और सरल स्वभाव के रहे है। मजेदार बात तो यह है कि सभापति पद के लिए भाजपा को 37 वोट मिले तो वही उप-सभापति के लिए 39 वोट मिलें। यानि पार्षदां ने लालू भाई को ज्यादा बहुमत देकर सम्मान दिया।

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नगर परिषद में पिछले 25 सालों से पति पत्नी ने पार्षद के रूप में सेवा देने के बाद आखिर आज उप सभापति पद पर विजयी होने पर भाजपा पार्षद लालू भाई की आंखों में आंसू आ गए। ललित प्रितमानी जिन्हें लालू भाई के नाम से जाना जाता है वे शुरू से ही सेवा भावी और सरल स्वभाव के रहे है। मजेदार बात तो यह है कि सभापति पद के लिए भाजपा को 37 वोट मिले तो वही उप-सभापति के लिए 39 वोट मिलें। यानि पार्षदां ने लालू भाई को ज्यादा बहुमत देकर सम्मान दिया।

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नगर परिषद में पिछले 25 सालों से पति पत्नी ने पार्षद के रूप में सेवा देने के बाद आखिर आज उप सभापति पद पर विजयी होने पर भाजपा पार्षद लालू भाई की आंखों में आंसू आ गए। ललित प्रितमानी जिन्हें लालू भाई के नाम से जाना जाता है वे शुरू से ही सेवा भावी और सरल स्वभाव के रहे है। मजेदार बात तो यह है कि सभापति पद के लिए भाजपा को 37 वोट मिले तो वही उप-सभापति के लिए 39 वोट मिलें। यानि पार्षदां ने लालू भाई को ज्यादा बहुमत देकर सम्मान दिया।

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नगर परिषद में पिछले 25 सालों से पति पत्नी ने पार्षद के रूप में सेवा देने के बाद आखिर आज उप सभापति पद पर विजयी होने पर भाजपा पार्षद लालू भाई की आंखों में आंसू आ गए। ललित प्रितमानी जिन्हें लालू भाई के नाम से जाना जाता है वे शुरू से ही सेवा भावी और सरल स्वभाव के रहे है। मजेदार बात तो यह है कि सभापति पद के लिए भाजपा को 37 वोट मिले तो वही उप-सभापति के लिए 39 वोट मिलें। यानि पार्षदां ने लालू भाई को ज्यादा बहुमत देकर सम्मान दिया।

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