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अमित शाह ने जहां किया था युवा उद्घोष कार्यक्रम वहीं गड्ढा पाटने पहुंचे कांग्रेसी

locationवाराणसीPublished: Jan 21, 2018 09:30:25 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

विद्यापीठ प्रशासन पर सत्ता के दबाव में अपने ही फैसले को पलटने का लगाया आरोप।

विद्यापीठ में गड्ढा पाटते कांग्रेसी

विद्यापीठ में गड्ढा पाटते कांग्रेसी

वाराणसी. अमेठी में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा में बीजेपी के हंगामा करने का बदला लेने की सारी चाल धरी की धरी रह गई कांग्रेस की। आकाश से पाताल तक काला झंडा दिखाने का दावा करने वाली कांग्रेस का कोई सदस्य भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सभा स्थल तक भी नहीं पहुंच पाए। सेवादल ने जो दावा किया था कि उनके डेढ़ सौ सदस्यों को सभा स्थल में प्रवेश का पास हासिल हो चुका है और वे मंच पर चढ़ कर विरोध जताएंगे। लेकिन सेवादल के वो सदस्य भी कहीं नहीं नजर आए। ऐसे में बुरी तरह से भद्द पिटने के बाद कांग्रेस रविवार को झेंप मिटाने पहुंच गए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मैदान में गड्ढा पाटने। कहा कि भाजपा के इस कार्यक्रम से मैदान बुरी तरह से खराब हो गया है।
कांग्रेसियों ने काशी विद्यापीठ प्रशासन पर दो दशक पूर्व लिए अपने फैसले को धता बताने का आरोप लगाया। कहा कि विद्यापीठ के खेल मैदान को किसी राजनीतिक दल के कार्यक्रम के लिए न देने का फैसला दो दशक पहले विद्यापीठ प्रशासन ने लिया था। तब यह कहा गया था कि खेल मैदान में राजनीतिक कार्यक्रमों से मैदान नष्ट हो जाते हैं। यहां तक कि काशी के परंपरागत दशहरे के रावणवध मेले तक पर न केवल प्रतिबंध लगा,बल्कि 2002 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनियाजी गांधी की जनसभा की मांग भी नहीं मानी गई। खेलकूद के हित में इस पर आम जनमत का समर्थन था, लेकिन आज पुन: प्रदेश में आई भाजपा सरकार की धौंस में वह संकल्प रौंद डाला गया। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष और वाराणसी के पूर्व सांसद डॉ राजेश मिश्र और पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि विद्यापीठ बंद कर परिसर एवं खेल मैदान को भाजपा की राजनीतिक पाठशाला बना दिया गया। शैक्षिक संस्थान की स्वायत्ता को राजनीति के लिए रौंदने वाले भाजपाध्यक्ष के इस कार्यक्रम को कांग्रेसजनों ने पूरी तरह अनैतिक कार्य मानते हुए विरोध किया।
पार्टी के दोनों वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि जिस विद्यापीठ प्रशासन के सत्ता के समक्ष घुटने टेकने पर हमें दुख है। हमें इस बात का भी दुख है कि विद्यापीठ के यशस्वी छात्र व पत्रकारिता शिक्षक रहे एवं अपनी चांसलरशिप छोड़ विद्यापीठ को विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने वाले पं. कमलापति त्रिपाठी के जन्मदिन के चार दशक पुराने काशी के प्रशस्त समारोह के लिए गांधी सभागार के आवंटन की मांग पर इस वर्ष विद्यापीठ ने ये आश्वासन मांगा कि कार्यक्रम में कोई राष्ट्र विरोधी कृत्य नहीं होगा। दलगत सीमा से परे उस कार्यक्रम के लिए यह अपमानजनक शर्त थोपने वाले विद्यापीठ ने किराये पर भी कभी न आवंटित होने वाले खेल मैदान को भाजपाध्यक्ष की राजनीतिक पाठशाला के लिए सहजता से दे दिया। उस नई शर्त के उल्लेख के साथ आवंटन निर्देश के चलते ही कमलापति जयंती समारोह उनके निवास की उस ‘पीठ’ पर करना बेहतर माना गया,जहां कभी काशी के अनेक विद्धानों के अतिरिक्त दाराशिकोह तक ने संस्कृत व वेदांत की शिक्षा दीक्षा ली थी।
वैसे कांग्रेस नेताओं ने रविवार को विद्यापीठ के खेल मैदान पर पहुंच कर मैदान का निरीक्षण किया। फिर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की राजनीतिक पाठशाला के लिए उसके दुरूपयोग से हुए खेलकूद की दृष्टि पर गहरी चिंता जताई। कांग्रेसजनों ने कुछ गड्डे पाटे और ठेकेदारों द्वारा बालू से गड्ढे पाटने को खेल मैदान के लिए गलत बताते हुए उस पर विरोध प्रकट किया। कांग्रेसजनों ने पार्टी के पंजीकृत युवा कार्यकर्ता समागम में इतनी जबर्दस्त बैरिकेडिंग और उसके लिये भीड़ से भी अधिक संख्या में गड्ढे खोदे जाने को खेल मैदान के प्रति भाजपा का गैरजिम्मेदार व्यवहार बताया। मैदान निरीक्षण के बाद कांग्रेसजनों ने परिसर के भीतर गांधी जी, शिवप्रसाद गुप्त सहित विभिन्न प्रतिमाओं पर माल्यार्पण भी किया।
इस अवसर पर सतीश चौबे, प्रो.सतीश राय, प्रजानाथ शर्मा, सीताराम केसरी, शालिनी यादव, मणिन्द्र मिश्रा, शैलेन्द्र सिंह, बैजनाथ सिंह, विकास सिंह, हरीश मिश्रा, पूनम कुण्डु, राघवेंद्र चौबे, राकेश चन्द, प्रमोद श्रीवास्तव, देवेन्द्र सिंह, अनिल श्रीवास्तव, शम्भुनाथ बाटुल, धीरज शुक्ला, रविन्द्र वर्मा आदि मौजूद रहे।
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