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Paryushan Festival: ऐसा काल आया, जिसमे सभी मुड़े आराधना की ओर

locationपालीPublished: Aug 14, 2023 10:28:58 am

Submitted by:

Rajeev Dave

अहिंसा का संदेश देता पर्युषण महापर्व: साध्वी

Paryushan Festival: ऐसा काल आया, जिसमे सभी मुड़े आराधना की ओर
Paryushan Festival: ऐसा काल आया, जिसमे सभी मुड़े आराधना की ओर

पाली जिनकुशल सूरि जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के तत्वावधान में आयोजित चातुर्मास के तहत रविवार को पर्युषण महापर्व का आगाज हुआ। साध्वी नीलांजना ने कहा कि आज पर्वाधिराज पर्युषण पर्व का प्रथम दिवस है। आज का स्वर्णिम सूर्योदय एक नया उल्लास और प्रकाश लेकर उपस्थित हुआ है। हमें स्वागत करना है इस अनमोले-अलबेले अतिथि का। यह अतिथि ऐसा है, जो हमारे कर्मों के कचरे को लेकर जाता है और क्षमा के हीरे-मोती देकर जाता है। इसका स्वागत तप के दीप सजाकर करना है। सामायिक के स्वास्तिक बनाकर करना है। पौषध की रंगोली सजाकर इसे हृदय मंदिर में प्रवेश देना है। ये आठ दिन हमारे लिए साधना का शिविर है।
पर्युषण के बताए कर्तव्य
उन्होंने पर्युषण के कर्तव्यों की व्याख्या करते हुए कहा. अमारिप्रवर्तन अर्थात् अहिंसा को जीवन के केन्द्र स्थान में स्थापित करना है। महावीर का दर्शन त्याग प्रधान है। धर्म की साधना सुविधा और अनुकूलता से नहीं त्याग और सहिष्णुता से है। पर्युषण में हमें शरीर से संबंधित समस्त सुख-सुविधा के साधन एवं प्रसाधन सामग्री का त्याग करके केवल आत्मा को तप-त्याग से श्रृंगारित करना है।
सीखनी होगी जीवन जीने की कला
अहिंसा प्रत्येक धर्म का प्राण है। शरीर में जो महत्व प्राणों का है, धर्म में वही महत्व अहिंसा का है। हम भाग्यशाली है कि हमें वीतराग का धर्म मिला है। हमें इन आठ दिनों में जीवन जीने की कला सीखनी है ताकि हम वास्तविक अर्थ में जैन बन सके। संघ अध्यक्ष जगदीश भंसाली ने बताया इस मौके बाबूलाल संकलेचा, प्रकाश मालू, ओमप्रकाश बोहरा, प्रेमप्रकाश धारीवाल, कल्पेश मालू, जीतू बोथरा, कपिल लूनिया आदि मौजूद रहे।

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