वो अन छुए अहसास का तू स्पर्श है,
मां तेरा हसंता चेहरा आज भी खूब याद आता है। किसी भी मुकाम पर पहुंच जाए, मां तेरी पसीने वाला आंचल
और रोटियों से भरा कटोरदान
मां तेरा हसंता चेहरा आज भी खूब याद आता है। किसी भी मुकाम पर पहुंच जाए, मां तेरी पसीने वाला आंचल
और रोटियों से भरा कटोरदान
आज भी याद आता है
तेरे फोन नंबर से भरी डायरी और हिसाब लिखे हुए पन्ने
आज भी खूब याद आते है मां तेरी हर याद परछाई की तरह मेरे साथ है पर तेरा स्पर्श कर के जो प्यार से गले लगाना
आज भी खूब याद आता है
तेरे फोन नंबर से भरी डायरी और हिसाब लिखे हुए पन्ने
आज भी खूब याद आते है मां तेरी हर याद परछाई की तरह मेरे साथ है पर तेरा स्पर्श कर के जो प्यार से गले लगाना
आज भी खूब याद आता है
तेरे आहट का अहसास है मां आज भी इस प्रांगण में
पर खनकती चूडिय़ां और पायल की झनकार आज भी खूब याद आती है तुलसी का पौधा सोफे का कवर और
रंगीन फूलों से सजा गुलदस्ता वही है
पर खनकती चूडिय़ां और पायल की झनकार आज भी खूब याद आती है तुलसी का पौधा सोफे का कवर और
रंगीन फूलों से सजा गुलदस्ता वही है
सब कुछ वैसा ही है जैसा तुम छोड़ कर गयी
पर वो चौखट पर खड़े होकर घंटों इंतजार करना आज भी खूब याद आता है। –अर्चना शर्मा, पाली मारवाड़
पर वो चौखट पर खड़े होकर घंटों इंतजार करना आज भी खूब याद आता है। –अर्चना शर्मा, पाली मारवाड़