दरअसल, जनता कफ्र्यू के आह्वान के बाद जारी लॉक डाउन की स्थिति को भांपते हुए शहर के पुराना बस स्टेण्ड स्थित राणा प्रताप चैक में जीरावला मित्र मंडल ने मूक मवेशियों की सेवा करने की ठानी। उन्होंने 24 मार्च से ही रोटी बैंक का संचालन शुरू कर दिया। यहां पर सुबह-शाम 400 किलो आटे की रोटियां बनाई जा रही हैं। श्वानों व गायों में रोटी के वितरण के लिए बाकायदा युवाओं को भी नियोजित कर रखा है, ताकि सेवा की ये चैन टूटने नहीं पाए।
संस्था के प्रभारी दिनेश संकलेचा ने बताया कि रोजाना सुबह शाम अलग-अलग गु्रप के सदस्य इन रोटियों को लेकर शहर के दूरस्थ स्थानों और मोहल्लों में लेकर पहुंचते हैं, जहां ये वितरण करते हैं। औद्योगिक क्षेत्रों में मजदूरों के चले जाने के कारण सूने पड़े क्षेत्र में श्वानों की हालत खस्ता है। ऐसे में इनकी सेवा का बीड़ा उठाया है।
मंडल के आनंद कवाड़ ने बताया कि इस कार्य में विकास बुबकिया, अशोक बाफना, नितिन कोठारी, जुगराज कवाड़ के साथ ही संदीप सुराणा, राजुभाई मेड़तिया, राकेश भंसााली, इन्दरचंद तलेसरा,जेठमल नाहर, प्रमोद कोठारी और रोशन सेमलानी भी सहयोग कर रहे हैं।