शाम को लाखोटिया तालाब में बिहारी संस्कृति की और से आयोजित छठ पूजा कार्यक्रम में घंटो पानी में खड़े रहकर अंस्ताचल की और जाते सूर्य को अध्र्य देते बिहारी समाज के लोग। तीन दिवसीय चलने वाले इस महा पर्व में समाज के लोग निराहार रह कर भगवान सूर्य की आराधना करते है। कल सुबह सूर्योदय के समय सूर्य को अध्र्य देकर खुशहाली की कामना के साथ वत्र खोलेंगे।
शाम को लाखोटिया तालाब में बिहारी संस्कृति की और से आयोजित छठ पूजा कार्यक्रम में घंटो पानी में खड़े रहकर अंस्ताचल की और जाते सूर्य को अध्र्य देते बिहारी समाज के लोग। तीन दिवसीय चलने वाले इस महा पर्व में समाज के लोग निराहार रह कर भगवान सूर्य की आराधना करते है। कल सुबह सूर्योदय के समय सूर्य को अध्र्य देकर खुशहाली की कामना के साथ वत्र खोलेंगे।
शाम को लाखोटिया तालाब में बिहारी संस्कृति की और से आयोजित छठ पूजा कार्यक्रम में घंटो पानी में खड़े रहकर अंस्ताचल की और जाते सूर्य को अध्र्य देते बिहारी समाज के लोग। तीन दिवसीय चलने वाले इस महा पर्व में समाज के लोग निराहार रह कर भगवान सूर्य की आराधना करते है। कल सुबह सूर्योदय के समय सूर्य को अध्र्य देकर खुशहाली की कामना के साथ वत्र खोलेंगे।
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