बकौल सरोज, ‘मुंडारा से पाली बांगड़ अस्पताल आने पर घबरा गई थी। एक ही विचार आ रहा था मेरे बच्चों का क्या होगा। यहां भर्ती होने पर नर्सिंग स्टॉफ की पिंकी जोशी, मंजू चौधरी व पुनीत दवे के साथ डॉ. बालाराम चौधरी दिन में कई बार आते और कहते घबराओ नहीं, आप स्वस्थ हो जाएंगी। इसके बाद सोच बदली और लडऩे की ठानी तो स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ और आज मैं घर जा रही हूं।
सरोज बताती है कि अस्पताल में वह रोजाना भजन सुनती थी। महामृत्युंजय का मंत्र भी सुनती थी। भर्ती होने के पांचवे दिन ऑक्सीजन हटवाई। नाक से तेज सांस लेकर कुछ देर रोककर छोड़ती। अनुलोम-विलोम करती थी। पपीता, किवी, खीरा ककड़ी खाई। अब मैं स्वस्थ हूं और ऑक्सीजन भी 94/95 आ रही है। वे बताती है कि बांगड़ चिकित्सालय के स्टॉफ ने बहुत मदद की। ऐसा लगा ही नहीं कि मैं सरकारी अस्पताल में हूं। यों लगता था अपनों के बीच निजी चिकित्सालय में हूं।
पाली। राजकीय बांगड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार के बाद ठीक होकर लौटने वाले मरीज बीमारों की हिम्मत बढ़ा रहे है। पाली के पल्लीवालों का वास निवासी नरेश टांक 21 दिन पहले बांगड़ चिकित्सालय में भर्ती हुए थे। उनको मंगलवार को डिस्चार्ज किया गया। उन्होंने बताया कि सकारात्मक सोच से वे कोरोना को हरा सके है। उनके डिस्चार्ज होते समय प्रकाश सांखला, पार्षद आमीन अली रंगरेज सहित चिकित्साकर्मी मौजूद थे।
पाली। रोटरी क्लब में बनाए गए कोविड केयर सेंटर से मंगलवार को ढगलाराम पुत्र सांवलराम स्वस्थ होकर वापस अपने घर लौटे। इस पर संस्थान ने उनको पर्यावरण की रक्षा के लिए एक पौधा दिया और हर साल पांच पौधे लगाने का संकल्प दिलाया। इस भवन में जिला प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग के मार्गदर्शन में नगर परिषद व सीइटीपी द्वारा तैयार कोविड केयर सेंटर का जिम्मा जेसीआइ पाली डायनेमिक का है। इस मौके डॉ. दलजीत सिंह राणावत, हरिनारायण लोहारा, तुलसाराम, जेसीआइ संस्थापक अध्यक्ष विनय बम्ब, सीइटीपी अध्यक्ष अनिल गुलेच्छा, जेसीआई अध्यक्ष पुनित जीरावला, निमित लश्करी, राकेश मेहता आदि मौजूद थे।