दरअसल, सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र के अनोपपुरा ग्राम पंचायत क्षेत्र के बिठूड़ा पीरान गांव के आई माता बढेऱ के पीर रावतसिंह दो दिन स्वास्थ्य परामर्श के लिए अहमदाबाद गए। उनके पुत्र व अनोपपुरा सरपंच गोपालसिंह ने बताया कि अहमदाबाद में उपचार करवाते समय चिकित्सक ने भर्ती किया। उपचार के दौरान बुधवार अलसुबह तीन बजे अंतिम सांस ली। बढ़ेर के धर्मगुरु व पीरोसा की उपाधी से नवाजे गए रावतसिंह का शव 11 बजे गांव में बढ़ेर लाया गया। इधर, पीरोसा के देवलोकगमन की सूचना के बाद सीरवी समाज में शोक की लहर छा गई। 16 गांव सीरवी समाज सहित मध्यप्रदेश से सैकड़ों अनुयायी तीन बजे तक बिठूड़ा पहुंचे। जहां पीरोसा की पालकी वैकुंठी बढ़ेर से रवाना हुई। जो मुख्य मार्ग होते हुए गांव के तालाब की पाल तक पहुंची।
इन संतों के सानिध्य में दी समाधी
मांडल के नाथ संप्रदाय प्रमुख रूपनाथ महाराज,बिजोवा के दीवान भारती, पावा के नेना महाराज, फतापुरा के ज्ञानभारती एवं खांगड़ी के भूतनाथ महाराज, कांग्रेस प्रदेश सचिव भूराराम सीरवी, नगर सेठ रमेश कोठारी आदि की निश्रा में पीरोसा को गमगीन माहौल में समाधी दी गई।
एक माह पूर्व माता गंगादेवी का हुआ था निधन
पीरोसा के माता गंगादेवी का 20 दिसबंर को निधन हुआ था। एक माह बाद 20 जनवरी को पीरोसा भी देवलोकगमन हो गए। गांव में नही जले चुल्हे
पीरोसा के निधन की खबर पाकर बुधवार को गांव में चुल्हे नहीं जले। ग्रामीण व सीरवी समाजबंधु शोक में डूबे रहे।