गड्ढे हो सकते हैं जानलेवा
सुमेरपुर-शिवगंज के बीच नीलकंठ महादेव मंदिर व श्मशान भूमि के पास पिछले एक साल से रात को अवैध खनन होता है। अवैध खनन से नीलकंठ महादेव मंदिर के पास बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। नदी में बांध का पानी आने की स्थिति में ये गड्ढे कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। जवाईबांध के फाटक खोलने की स्थिति में नदी में पानी आने के दौरान कई युवक नदी में जलक्रीडा करने पहुंचते हैं। हर साल नदी के पानी में डूबने से मौत होती है।
सुमेरपुर-शिवगंज के बीच नीलकंठ महादेव मंदिर व श्मशान भूमि के पास पिछले एक साल से रात को अवैध खनन होता है। अवैध खनन से नीलकंठ महादेव मंदिर के पास बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। नदी में बांध का पानी आने की स्थिति में ये गड्ढे कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। जवाईबांध के फाटक खोलने की स्थिति में नदी में पानी आने के दौरान कई युवक नदी में जलक्रीडा करने पहुंचते हैं। हर साल नदी के पानी में डूबने से मौत होती है।
नोवी के समीप होता हैं डंपर से अवैध खनन
अवैध बजरी खनन के लिए खनन माफिया के लिए जवाई नदी वरदान साबित हो रही है। सुमेरपुर से नोवी, पोमावा, पुराडा आदि गांवों के किनारे नदी बहाव स्थल से बजरी खनन जोरों पर चल रहा है। ग्रामीणों के अनुसार नोवी नदी के पास से गुजर रही जवाई नदी में ट्रैक्टर के अलावा डंपर से भी अवैध बजरी का परिवहन किया जा रहा है। पुलिस की ओर से अधिकांशतया ट्रैक्टर ही जब्त किए जाते हैं। अभी तक पुलिस की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।
अवैध बजरी खनन के लिए खनन माफिया के लिए जवाई नदी वरदान साबित हो रही है। सुमेरपुर से नोवी, पोमावा, पुराडा आदि गांवों के किनारे नदी बहाव स्थल से बजरी खनन जोरों पर चल रहा है। ग्रामीणों के अनुसार नोवी नदी के पास से गुजर रही जवाई नदी में ट्रैक्टर के अलावा डंपर से भी अवैध बजरी का परिवहन किया जा रहा है। पुलिस की ओर से अधिकांशतया ट्रैक्टर ही जब्त किए जाते हैं। अभी तक पुलिस की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।