तखतगढ़ नगर के हृदय स्थल के नाम से प्रसिद्ध चौहटा कई वर्षों तक गुलजार रहा है। सन् 1974 से पूर्व तखतगढ़ वैसे तो ग्राम पंचायत रही। सुमेरपुर पंचायत समिति के प्रधान की सीट पर तखतगढ़ निवासी बंशीलाल बाल्दीया ने अपना दबदबा बनाए रखा। बाल्दीया ग्राम पंचायत के सरपंच एवं तात्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के करीबी व्यक्तियों में शामिल रहे हैं। अब इस चौहटे से चुनावों की वीरानी छाई हुई है।
फहराते थे तिरंगा तखतगढ़ में राष्ट्रीय पर्वों पर तिरंगा भी यहां फहराया जाता रहा है। विद्यालयों के विद्यार्थी भी आजादी के तराने सुनाते रहे। वैसे आजादी के बाद सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र का तखतगढ़ अमीर ग्राम पंचायत के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुकी थी। ग्राम पंचायत के स्वयं के तीन तीन टैक्ट्रर भी किराए पर चलते रहे है। ऐसे में आय भी दिन दुगनी रात चौगुनी रही।
पुलिस ने दी थी सलामी इस स्थान पर देश को आजादी मिलने के बाद तखतगढ़ कस्बे की जूना थाना पुलिस ने सलामी भी दी है। ऐसे में यहां से खुशी के रूप में मिठाई भी खिलाई गई।
अब बंदौली का मुख्य केन्द्र बना चौहटे पर जैन धर्मावलंबियों के युवक एवं युवतियों की प्रस्तावित शादी से पूर्व निकाली जा रही बंदौली का मुख्य केन्द्र बना हुआ है। इस स्थल पर भगवान ऋषभदेव भगवान का मंदिर भी है। जहां दूल्हे की बारात रवाना होती है।
इनका कहना है हां, यहां चुनावों की काफी रंगत रहती थी। पार्टियों के नेता यहां पर भाषण देकर मतदान करने की अपील करते थे। मोडाराम, बुजुर्ग, तखतगढ़। इस स्थान पर राष्ट्रीय पर्वों को लेकर कई वर्षों तक तिरंगा फहराया जाता रहा है। चौहटे की पंचायती भी चर्चित रही।
जब्बरसिंह तरवाड़ा, बुजुर्ग, तखतगढ़