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कागजों में रेंग रही घड़ियाल पार्क व मगरमच्छ प्रजनन की योजना

locationपालीPublished: Oct 12, 2021 08:55:09 am

Submitted by:

Suresh Hemnani

– करीब 17 वर्ष पूर्व जवाई बांध में हुआ था योजना का शुभारंभ

कागजों में रेंग रही घड़ियाल पार्क व मगरमच्छ प्रजनन की योजना

कागजों में रेंग रही घड़ियाल पार्क व मगरमच्छ प्रजनन की योजना

पाली/सुमेरपुर। जोधपुर संभाग के सबसे बड़े जल स्रोत जवाई बांध में मगरमच्छ प्रजनन व घडिय़ाल पार्क की योजना कागजों में ही दफन है। यहां करीब दो दशक पहले मात्र दो जोड़े मगरमच्छ छोडकऱ जनप्रतिनिधियों की ओर से शिलालेख लगाकर इस योजना का शुभारम्भ कर लिया गया। लेकिन, इसके बाद यहां पर कुछ नहीं हो पाया।
जवाई बांध में मगरमच्छ प्रजनन केन्द्र की शुरुआत करीब सत्रह वर्ष पूर्व कांग्रेस शासनकाल में मगरमच्छों को विकसित करने के उद्देश्य से की गई थी, जिससे पर्यावरण की दृष्टि से बांध का जल साफ सुथरा व शुद्ध रह सके। हवामहल से नहर खोलते समय पानी के तेज बहाव के साथ मगरमच्छ नहर के जरिए बाहर नहीं आ सके। इसके लिए जवाई डूब क्षेत्र के अंतिम छोर पर जाली लगाने एवं मगरमच्छों के छुपने व अण्डे देने के लिए पहाड़ी किनारे किनारे रेत डालकर टीले बनाने समेत पर्यटकों को बढ़ावा देने की दृष्टि से बांध क्षेत्र में घडिय़ाल पार्क की योजना भी शामिल थी।
पशुपालकों में रहता है भय
वर्तमान में जवाई बांध में करीब 450 से अधिक मगरमच्छ व सैकडो़ं की संख्या में मछलियां के साथ कई जीव जंतु है। इधर, बारिश के अभाव में बांध के घटते जल स्तर के कारण भोजन की तलाश में मगरमच्छ पलायन कर खेत खलिहानों में चले जाते है। जवाई बांध से सटे हुए गांव बिसलपुर, दुदनी, सेणा, मोरी आदि गांव आते है। यहां के निवासरत लोगों एवं पशुपालकों में हर समय भय का रहता है। इन गांवों के जंगलों में दिनभर पशुपालक अपने पशुओं व भेड़ बकरियों को चराते है। जिनका कई बार मगरमच्छ शिकार करते है।
कई ग्रामीण हुए शिकार
जानकारी के अनुसार मगरमच्छ के हमले से कुछ वर्षों पूर्व पशुपालक सुराराम पुत्र दानाराम देवासी निवासी दुदनी, लखमाराम पुत्र भगताराम देवासी निवासी दुदनी, धरमाराम पुत्र रामाजी कीर निवासी दुदनी समेत कई लोगों को जान गंवानी पड़ी है।
तब छोड़े गए थे दो जोड़े
मगरमच्छ प्रजनन एवं घडिय़ाल पार्क योजना का शुभारंभ हवामहल के निकट तत्कालीन पर्यटन मंत्री बीना काक, वन मंत्री भगाराम चौधरी व सिरोही विधायक संयम लोढ़ा के सान्निध्य में किया गया था। उस समय मगरमच्छ के दो जोड़े छोड़े गए थे।
बांध में गणना के दौरान पिछले आठ साल में मगरमच्छों की संख्या
2014 में 307
2015 में 325
2016 में 333
2017 में 345
2018 में 358
2019 में 369
2020 में 377

इनका कहना है
जवाई बांध में वर्षों पूर्व मगरमच्छ प्रजनन योजना को लेकर दो जोड़े मगरच्छ के छोड़ कर योजना का शुभारंभ किया गया था। घडिय़ाल पार्क बनाने की भी योजना थी, लेकिन अब उसके बारे में मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। – संयम लोढ़ा, विधायक, सिरोही
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