scriptऔद्योगिक क्षेत्र में पौधों ने तोड़ा दम, हरियाली बन रही सपना | Plants were destroyed in industrial area of Pali | Patrika News

औद्योगिक क्षेत्र में पौधों ने तोड़ा दम, हरियाली बन रही सपना

locationपालीPublished: Feb 17, 2020 04:33:04 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

लापरवाही : कहीं पर पौधे सूख गए है तो कहीं पर ट्री गार्ड ही टूटे

औद्योगिक क्षेत्र में पौधों ने तोड़ा दम, हरियाली बन रही सपना

औद्योगिक क्षेत्र में पौधों ने तोड़ा दम, हरियाली बन रही सपना

पाली। औद्योगिक क्षेत्र में रीको की ओर से हरियाली के लिए करवाए गए पौधरोपण दम तोड़ रहे हैं। आधे से अधिक पौधे सूख कर नष्ट हो गए है। रीको की ओर से पुनायता, मंडिया रोड, औद्योगिक क्षेत्र प्रथम, द्वितीय व चतुर्थ में करीब 950 पौधरोपण के लिए एक प्राइवेट ठेकेदार को 36 लाख रुपए में ठेका दिया था। ठेकेदार की लापरवाही से पौधे सूख गए है। पौधे की सुरक्षा के लिए बनाए गए ईटों के टी गार्ड भी टूट गए है। प्रदूषण से निपटने के लिए जिस हरियाली की जरुरत है, वह एक सपना बनकर रह गई है। लापरवाही से लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी हरियाली नहीं हो रही है।
हजार रुपए का ट्री गार्ड, ईटें टूटी
रीको की ओर से ट्री गार्ड बनाने के लिए 1000 रुपए के हिसाब से बजट आंवटित किया था। यहां मजबूत ट्री गार्ड लगाने थे। लेकिन ठेकेदार ने ईटों का ढांचा खड़ा दिया। आधे से अधिक ईटों के ट्री गार्ड टूट गए है। ट्री गार्ड टूटने के कारण पौधे नष्ट हो रहे हैं। पौधे की सुरक्षा के लिए लोहे की जाली के ट्री गार्ड बनाने थे। ठेकेदार ने सस्ती के चक्कर में ईटों का ढांचा खड़ा कर दिया।
15 लाख का भुगतान किया, हरियाली नहीं हुई
रीको की ओर से पुनायाता में 408, मंडिया रोड में 350, प्रथम व द्वितीय औद्योगिक क्षेत्र में 99 व चतुर्थ औद्योगिक क्षेत्र में 100 पौधे के लिए प्राइवेट ठेकेदार को 36 लाख रुपए का ठेका दिया था। रीको ने ठेकेदार को इसके लिए 15 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया। लाखों रुपए का बजट के बावजूद भी औद्योगिक क्षेत्र हरियाली से आच्छादित नहीं हो रहा है।
पांच साल में पौधों को बड़े करने की जिम्मेदारी है
ठेकेदार को पांच साल तक पौधों की देखरेख का जिम्मा है। पांच साल तक नियमित रुप से पौधों को पानी पिलाने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है। रीको पांच साल में प्रति पौधा को जीवित रखने के लिए 1200 रुपए देगा।
ठेकेदार से वसूली होगी
औद्योगिक क्षेत्र में 950 पौधे के लिए 36 लाख रुपए का बजट है। प्राइवेट ठेकेदार को पांच साल तक का ठेका दिया है। पांच साल तक पौधों को बड़े करने व जिन्दा रखने की जिम्मेदारी है। पांच साल तक पौधो जिन्दा नहीं रहा तो ठेकेदार से वसूली की जाएंगी। जो पौधे सूख गए है। उनके स्थान पर ठेकेदार से दूसरे पौधे लगाए जाएंगे। – पी.के. गुप्ता, क्षेत्रीय प्रबधंक रीकों पाली
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