भारी पड़े हाकम
शहरी सरकार के हाकम ने ‘दो की लड़ाई का फायदा तीसरा उठाए’ वाक्य को ताजा-ताजा ही चरीतार्थ किया है। कद-काठी में भले ही छोटे हों, मगर बुद्धि-चातुर्य का लोहा मनवा लिया। एक ही झटके में गए तो दूसरे झटक में वापस आकर कइयों को झटका दे दिया। यूं तो राज बदलते ही उन्होंने यू टर्न ले लिया था। फिर भी राज वाली पार्टी के कई नेताओं को खटक रहे थे। हाकम ने भी दिमागी तिकड़म भिड़ाया। एक के पाले में चले गए। अब एक धड़ा पैरवी कर रहा तो दूसरा खिलाफत। किस्मत ने भी हाकम का साथ दिया। हाकम ने जिसका हाथ थामा वही उन्हें जीवनदान दिला लाए। अब हाकम मन ही मन मुस्करा रहे कि दो की लड़ाई में खुद का तो भला कर लिया।
शहरी सरकार के हाकम ने ‘दो की लड़ाई का फायदा तीसरा उठाए’ वाक्य को ताजा-ताजा ही चरीतार्थ किया है। कद-काठी में भले ही छोटे हों, मगर बुद्धि-चातुर्य का लोहा मनवा लिया। एक ही झटके में गए तो दूसरे झटक में वापस आकर कइयों को झटका दे दिया। यूं तो राज बदलते ही उन्होंने यू टर्न ले लिया था। फिर भी राज वाली पार्टी के कई नेताओं को खटक रहे थे। हाकम ने भी दिमागी तिकड़म भिड़ाया। एक के पाले में चले गए। अब एक धड़ा पैरवी कर रहा तो दूसरा खिलाफत। किस्मत ने भी हाकम का साथ दिया। हाकम ने जिसका हाथ थामा वही उन्हें जीवनदान दिला लाए। अब हाकम मन ही मन मुस्करा रहे कि दो की लड़ाई में खुद का तो भला कर लिया।
सोशल मीडिया पर लूट रहे मजे
निकाय चुनाव की तैयारियां धरातल पर अभी शुरू नहीं हुई। सोशल मीडिया पर चुनावी कैंपेन ने जरूर जोर पकड़ लिया है। सोशल मीडिया पर दावेदारों की बाढ़ आई हुई है। राजनीतिक पार्टियों से दूर-दूर का वास्ता नहीं रखने वाले दावेदार भी सोशल मीडिया पर कम नहीं उतर रहे। अधिकांश तो निकाय चुनाव के बहाने शहरी सरकार की खिंचाई करने में लगे हुए हैं। टिकटों की बंदरबांट जब होगी तब की बात। सोशल मीडिया पर दावेदारी के मजे लूटने में क्यों पीछे रहें, इसी भावना से कई तो खुद को प्रचारित कर रहे हैं। हर गली-मोहल्ले में तैयार हुई ‘फैंसी दावेदारों’ की फौज ने कइयों की नींद जरूर उड़ा दी।
निकाय चुनाव की तैयारियां धरातल पर अभी शुरू नहीं हुई। सोशल मीडिया पर चुनावी कैंपेन ने जरूर जोर पकड़ लिया है। सोशल मीडिया पर दावेदारों की बाढ़ आई हुई है। राजनीतिक पार्टियों से दूर-दूर का वास्ता नहीं रखने वाले दावेदार भी सोशल मीडिया पर कम नहीं उतर रहे। अधिकांश तो निकाय चुनाव के बहाने शहरी सरकार की खिंचाई करने में लगे हुए हैं। टिकटों की बंदरबांट जब होगी तब की बात। सोशल मीडिया पर दावेदारी के मजे लूटने में क्यों पीछे रहें, इसी भावना से कई तो खुद को प्रचारित कर रहे हैं। हर गली-मोहल्ले में तैयार हुई ‘फैंसी दावेदारों’ की फौज ने कइयों की नींद जरूर उड़ा दी।