केवल सीइटीपी ही नहीं, अब कपड़ा इकाइयों पर भी ऑनलाइन मॉनिटरिंग सख्ती से होगी। इसके लिए कॉमन साफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसके तहत इकाइयों में लगे स्काडा मीटर में ऑटो लॉक का ऑप्शन दिया गया है। यह ऑप्शन ऑन रहेगा। इससे कोई भी इकाई अत्यधिक पानी नहीं छोड़ सकेगी। प्रत्येक इकाई को केएलडी आवंटित है। निर्धारित केएलडी डिस्चार्ज होने के बाद मीटर ऑटो लॉक हो जाएगा। तीन सौ इकाइयों में स्काडा मीटर अपडेट किए जा चुके हैं। मार्च के पहले सप्ताह तक सभी इकाइयों में साफ्टवेयर अपडेट करने का दावा किया गया है।
प्रत्येक कपड़ा इकाई में स्काडा (सुपरवाइजरी कंट्रोल एण्ड डेटा एक्वीजेशन)मीटर लगा हुआ है। अधिकांश इकाइयों में मीटर बंद पड़े हैं तो कहीं छेड़छाड़ की शिकायतें भी मिली है। स्काडा मीटर में छेड़छाड़ रोकने के लिए अब पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। प्रत्येक इकाई में स्काडा मीटर पैनल बॉक्स में पैक किए जाएगा। तत्पश्चात बॉक्स सीलबंद किया जाएगा। इसके बाद मीटर में छेड़छाड़ संभव नहीं होगी। इसके बावजूद किसी ने ऐसा प्रयास किया तो सॉफ्टवेयर के जरिए सीइटीपी तक सूचना पहुंच जाएगी। सीइटीपी के प्लांट संख्या दो पर सेंटर सर्वर रूम स्थापित किया गया है।
पर्यावरणीय नियमों और एनजीटी के निर्देशों की पालना कराने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। यह व्यवस्था शहर की आबो-हवा और औद्योगिक क्षेत्र के लिए सहायक होगी। सीइटीपी पर ऑनलाइन मॉनिटरिंग रहेगी। सीइटीपी का सर्वर केन्द्र व राज्य प्रदूषण बोर्ड के सर्वर से जुड़ेगा। स्काडा मीटर को भी अपडेट किया जा रहा है। यह व्यवस्था जल्द ही लागू हो जाएगी। –अमित शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, पाली