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VIDEO : भगवान भरोसे यहां का अस्पताल, दवाइयां पूरी नहीं, जुगाड़ से चला रहे काम, जानिए पूरी खबर…

locationपालीPublished: Aug 08, 2019 04:39:23 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-कम्पाउंडरों व परिचारकों के भरोसे चल रहा आयुर्वेद चिकित्सा
Doctors post vacant in Ayurveda Hospital : -चिकित्सा से लेकर सफाई व्यवस्था भी चिकित्सकों के जिम्मे

Posts of doctors vacant in Ayurveda Hospital of Pali District

VIDEO : भगवान के भरोसे यहां का अस्पताल, दवाइयां पूरी नहीं, जुगाड़ से चला रहे काम, जानिए पूरी खबर…

रिपोर्ट-शफी मोहम्मद

पाली/निमाज। Doctors post vacant in Ayurveda Hospital : जिले के जैतारण ब्लॉक में आयुर्वेद चिकित्सालय कम्पाउंडरों व परिचारकों के भरोसे हैं। आयुर्वेद चिकित्सकों के पद कई जगह रिक्त है। ग्रामीणों को उपचार के लिए भटकने को विवश होना पड़ रहा है। कई औषधालयों में आयुर्वेद चिकित्सको के अभाव में चतुर्थश्रेणी कर्मचारी के जिम्मे चिकित्सा व्यवस्था है। चिकित्सालयों में आसपास के कई छोटे बड़े गांवों के लोग आयुर्वेदिक उपचार कराने आते हैं। पर उन्हें आयुर्वेद चिकित्सको के अभाव में उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है।
जुगाड़ से चला रहे व्यवस्था
जैतारण ब्लॉक के लौटोती व चावंडिया कला के आयुर्वेद औषधालयों में आयुर्वेद चिकित्सक, कंपाउंडर व परिचारक तीनो ही पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं। ऐसे में पड़ोस के औषधालयों से व्यवस्था से कार्य चलाना पड़ रहा है।
दवा देने के साथ साफ सफाई का जिम्मा
आयुर्वेद औषधालयों में कई जगह परिचारकों के पद रिक्त पड़े हैं। कई औषधालयों में परिचारकों के पद ही समाप्त कर दिए गए हैं। ऐसे में औषधालय में कार्यरत एकल चिकित्सक या कंपाउंडर को ही औषधालय की साफ सफाई भी करनी होती है और उपचार भी।
दवाइयां भी पूरी नहीं
आयुर्वेद औषधालयों में औषधियां भी पूरी नही है। उपलब्ध दवाइयां भी महीनों गुजर जाने के बाद भी समय पर नहीं पहुंचती है। औषधियों के अभाव में मरीजों की परेशानियां और बढ़ जाती है।
यह है स्थिति
जैतारण ब्लॉक में 19 आयुर्वेद औषधालय हैं। इनमें तेरह औषधालय ऐसे हैं, जहां आयुर्वेद चिकित्सक का पद रिक्त है। अन्य औषधालयों में कम्पाउण्डर या चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद रिक्त हैं। कई औषधालयों में परिचारकों के पद ही समाप्त कर दिए हैं। सिंगला में आयुर्वेद चिकित्सक का पद ही समाप्त कर दिया गया है।
उपखण्ड मुख्यालय के हाल भी बेहाल
आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को लेकर प्रशासनिक व विभागीय उदासीनता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि जैतारण उपखण्ड मुख्यालय का आयुर्वेद औषधालय महिला कंपाउंडर के भरोसे है। यहां पदस्थापित चिकित्सक को पाली प्रतिनियुक्ति पर लगा रखा है। उपखण्ड मुख्यालय होने से रोजाना बड़ी संख्या में मरीज यहां आते हैं। निमाज में नियुक्त आयुर्वेद चिकित्सक को ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार दे रखा है। यहां कंपाउंडर व परिचारक का पद लंबे समय से रिक्त है। ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी के ब्लॉक या जिला स्तरीय बैठकों आदि में चले जाने पर यहां आने वाले मरीजों को बिना उपचार ही लौटना पड़ता है।
जैतारण ब्लॉक के रास जैसे बड़े कस्बे में परिचारक व कंपाउंडर का पद ही सृजित नहीं है, जबकि चिकित्सक पदस्थापित है। आनन्दपुर कालू में कंपाउंडर का पद सृजित नही हैं, परिचारक व चिकित्सक का पद रिक्त हैं। कई स्थानों पर नियुक्त एकल कर्मचारी को तीन दिन अन्यत्र सेवा देनी होती है। ऐसे में मरीजों को तीन दिन इंतजार करना पड़ता है।
सरकार व विभाग को लिखा हैं
उपखण्ड मुख्यालय समेत बड़े कस्बो के आयुर्वेद औषधालयों में ग्रामीण उपचार के लिए आते हैं। आयुर्वेद चिकित्सकों व कंपाउंडरों की स्थाई नियुक्ति नहीं होने से रोगियों को परेशानी हो रही है। रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार व विभागीय अधिकारियों को लिखा है। -किशोरसिंह बारहठ, जिलाध्यक्ष, राजस्थान आयुर्वेद नर्सेज एसोसिएशन, पाली।
अधिकारियों को अवगत कराया
कर्मचारियों की कमी को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की है। विभाग के अधिकारियों को रिक्त पदों की रिपोर्ट भेजी है। -डॉ. पंकज पाठक, ब्लॉक प्रभारी, आयुर्वेद विभाग, जैतारण।

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