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हाल-ए-चिकित्सा विभाग : मारवाड़-गोडवाड़ में चिकित्सकों के पद खाली, फिर कैसे लड़ेंगे डेंगू व मलेरिया से जंग

locationपालीPublished: Sep 17, 2019 04:23:21 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

– विशेषज्ञ चिकित्सों व वरिष्ठ चिकित्सकों के 80 प्रतिशत पद खाली
Posts of doctors vacant in hospitals :- ग्रामीण इलाकों में बुरे हाल, ओपीडी में इजाफा

हाल-ए-चिकित्सा विभाग : मारवाड़-गोडवाड़ में चिकित्सकों के पद खाली, फिर कैसे लड़ेंगे डेंगू व मलेरिया से जंग

हाल-ए-चिकित्सा विभाग : मारवाड़-गोडवाड़ में चिकित्सकों के पद खाली, फिर कैसे लड़ेंगे डेंगू व मलेरिया से जंग

पाली। Posts of doctors vacant in hospitals : मारवाड़-गोडवाड़ में चिकित्सा विभाग बिना फौज के डेंगू , मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों से जंग लड़ रहा है। पाली में विशेषज्ञ चिकित्सकों व वरिष्ठ चिकित्सकों के 80 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। नर्सों के भी बड़ी संख्या में पद रिक्त है। ग्रामीण इलाकों में कई सब सेंटर पर नर्सें नहीं है, ऐसे में वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। इस हालात में डेंगू व मलेरिया को रोकना और मरीजों का समय पर सरकारी अस्पतालों में उपचार करवाना मुश्किल है। हालात के बारे में चिकित्सा विभाग ने सरकार को भी बता दिया है, लेकिन ये भर समय रहते भरे जाने मुश्किल है।
महिला चिकित्सा कर्मियों के 630 में से 227 पद खाली
पाली में 477 सब सेंटर है, यानि गांवों में ये सेंटर खुले हुए हैं। यहां महिला चिकित्साकर्मी तैनात रहती है। 630 पदों में से 227 पद महिला चिकित्साकर्मियों के खाली है। कई सेंटर ऐसे है, जहां दो महिला चिकित्साकर्मी लगी हुई है, कहीं एक भी नहीं है। अभी मौसमी बीमारियों की सीजन है, ऐसे में चिकित्सा विभाग ने हर सेंटर पर एक-एक महिला चिकित्सा कर्मी की वैकल्पिक व्यवस्था की है। नर्स गे्रड द्वितीय के 315 में से 103 पद रिक्त है। इसी प्रकार नर्स ग्रेड प्रथम के 144 में से 46 पद खाली है।
11 विशेषज्ञ चिकित्सक ही जिले में
मारवाड़-गोडवाड़ में चिकित्सक तो नाममात्र लगे हुए है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के 79 पदों में से 68 पद खाली है। यानि 11 विशेषज्ञ चिकित्सक ही पाली जिले में हैं। वरिष्ठ चिकित्सक 10 ही है, 25 पद अब भी खाली है। चिकित्सा प्रभारियों के 178 में से 45 पद खाली है। बड़ी मात्रा में चिकित्सकों के पद खाली होने से समय पर उपचार मिलना मुश्किल है।
अस्पतालों में मरीजों की कतार
डेंगू, वायरल व मलेरिया की इन दिनों सीजन है। पाली के हर सरकारी अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। पूरे जिले में ओपीडी बारिश के बाद करीब बीस प्रतिशत बढ़ गई है। शहर के सबसे बड़े बांगड़ अस्पताल में कतारें लगी हुई। मरीजों को उपचार के लिए दो से तीन घंटे इंतजार करना पड़ता है। जैतारण, बाली, सुमेरपुर, सोजत, फालना, सादड़ी व मारवाड़ जंक्शन अस्पतालों का भी यहीं हाल है।
सरकार को अवगत करवा दिया
अस्पतालों में चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों के काफी पद रिक्त है, इस बारे में सरकार को अवगत करवा दिया। व्यवस्था न बिगड़े, इसके लिए हर अस्पताल व सब सेंटर पर वैकल्पिक व्यवस्था करवाई गई है। हालात काबू में है। ओपीडी जरूरी बढ़ा है। – डॉ. आरपी मिर्धा, सीएमएचओ, पाली।
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