इस कार्य से महिलाएं स्वालम्बी बनी है। वे पति के साथ बर्तन व अन्य मिट्टी की सामग्री बनाने में सहयोग करती है। चाणोद तालाब की मिट्टी से बनने वाले बर्तनों की दूर दूर तक मांग है। मिनी बांध के रूप में फै ले इस चाणोद तालाब के भीतर की मिट्टी से मटके, कुल्हड़, गुल्कड़, चकौरे, तवे, गजानंद मूर्ति के अलावा अन्य बर्तन बनाए जाते है।
बर्तन निर्माता मोहम्मद शरीफ का कहना है कि सर्दी में तवे की मांग बढ़ती है। इस परंपरागत धंधे में परिवार का आराम से जीवन यापन हो जाता है। इसमें काफी मेहनत लगती है।