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मकान बनाने को मिली सरकारी राशि का यहां कर दिया उपयोग…यह हकीकत आई सामने

locationपालीPublished: Apr 21, 2018 11:50:41 am

Submitted by:

Avinash Kewaliya

प्रधानमंत्री आवासीय योजना
दूसरी और तीसरी किश्त की जांच के लिए पहुंची टीमों के सामने आई हकीकत
 

PMAY Yojna
पाली. मकान बनाने के लिए सरकारी राशि ली और उसी राशि को शादी में उपयोग ले लिया। किसी ने इसी राशि से बाइक खरीद ली तो कोई दूसरे कार्यों में लगा बैठा। यह हालात गरीब परिवारों को आवास उपलब्ध करवाने वाली प्रधानमंत्री आवासीय योजना के हैं। जब दूसरी और तीसरी किश्त के लिए भौतिक सत्यापन हुआ तो यह हकीकत सामने आई। इसी कारण हालात यह है कि पाली जिला तीसरी किश्त जारी नहीं करने में प्रदेश में तीसरे स्थान पर है।
सरकार द्वारा गरीबों को घर बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत तीन किश्तों में एक लाख 20 हजार की राशि दी जाती है। इसमें पहली किश्त तो स्वीकृति के साथ ही दे दी जाती है, लेकिन दूसरी व तीसरी किश्त के वितरण के लिए निरीक्षण किया जाता है। इसमें दूसरी किश्त प्राप्त करने के लिए कुर्सी स्तर तक का एवं तीसरी किश्त के लिए छत स्तर तक निर्माण कार्य करवाना जरूरी होता है। निरीक्षण के दौरान इन कार्यों का फोटो खींच आवास सॉफ्ट पर अपलोड करना होता है।
निरीक्षण में सामने आई बात

जब आवासीय योजना के लाभार्थियों के मकानों का निरीक्षण करने टीमें पहुंची तो पता चला कि कई लोगों ने मकान का निर्माण शुरू तक नहीं किया। पता किया तो किसी ने बताया कि उनके घर में शादी थी जहां यह राशि लगा दी। वहीं किसी ने पहली किश्त की राशि से बाइक खरीदना बताया। कई मामलों में जहां निर्माण करवाया वह भूमि ही विवादित निकली। ऐसे में यह आगामी किश्तों का भुगतान रोक दिया गया।
यह है प्रदेश में स्थिति

जिले में 494 लोग दूसरी किश्त नहीं ले पाए हैं। इसमें 280 लोगों को नौ महीने से ज्यादा, तो 214 लोगों को बारह महीने से ज्यादा हो गए हैं। वही बात अगर तीसरी किश्त में देरी की करें तो 389 लोगों को नौ महीने से ज्यादा का समय हो गया। राज्य में दूसरी किश्त के वितरण में देरी के मामले में पाली का छठा, तो तीसरी किश्त के वितरण में देरी के मामले में तीसरा स्थान है। दो वर्ष में 12156 कुल आवेदन में से 10018 लोगो ने अपने मकान इस योजना में बनाए हैं।
करेंगे कार्रवाई

कई लोग आवासीय योजना के तहत किश्त के रूप में मिली राशि का उपयोग अन्य कार्यों पर खर्च करने में कर लेते हैं। इसके बाद उन लोगों के अगली किश्त की राशि रोक दी जाती है। साथ ही ऐसे मामलो में वसूली के साथ ही, नौबत पडऩे पर पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने की कार्रवाई भी की जाती है।
– उदयभानु चारण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद पाली।

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