इस अस्पताल में तीन-चार दिन पहले हीराराम पुत्र नगराज माली को कोविड 19 का संक्रमित बताकर भर्ती किया गया था। जबकि वह सामान्य खांसी, जुकाम व बुखार से पीडि़त था। उसका उपचार करने के बाद उसे रैफर कर दिया गया था। जब यह मरीज बांगड़ अस्पताल गया और पर्चियां बताई तो इस अस्पताल की पोल खुली।
डॉ. पाल सुमेरपुर के अस्पताल में कार्य किया था। इसके बाद वहां खुद का अस्पताल खोला। इसके बाद फालना सादड़ी में अस्पताल खोला। कार्रवाई के समय सीएमएचओ ने एमबीबीएस से जुड़े कुछ नाम व स्पेलिंग पूछी तो चिकित्सक पाल उनका भी जवाब नहीं दे सके। इधर, सुमेरपुर में चिकित्सक के अस्पताल में देर रात तक कार्रवाई जारी थी।
इस अस्पताल में लेब व मेडिकल स्टोर भी चल रहा था। उसे भी अस्पताल के दस्तावेज नहीं होने पर सीज कर दिया गया। सीएमएचओ ने सादड़ी के अस्पताल में चिकित्सकों की ओर से लिखित पर्चियों, रिपोर्ट, उपचाराधीन व भर्ती मरीजों की पर्चियां, उपकरण व निजी रक्षक दवाइयां भी जब्त की गई। इस कार्रवाई में डॉ. राजेंद्र राठौड़, सीएचसी प्रभारी डॉ. राजेन्द्र पुनमिया, डॉ. अविनाश चारण आदि साथ थे।