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लॉकडाउन में बच्चों की फीस का खेल, निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर बना रहे दबाव

locationपालीPublished: Apr 09, 2020 01:51:59 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-कई स्कूल लॉक डाउन [ Lock down ] खुलने का कर रहे इंतजार

लॉकडाउन में बच्चों की फीस का खेल, निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर बना रहे दबाव

लॉकडाउन में बच्चों की फीस का खेल, निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर बना रहे दबाव

पाली। निजी स्कूल में पढऩे वाले बच्चों की फीस को लेकर संचालक अभिभावकों को परेशान करने लगे हैं। कई निजी स्कूल संचालक मैसेज भेजकर तो कई फोन करके फीस मांग रहे है। ऐसा नहीं करने पर अभिभावकों पर परिणाम रोकने या परीक्षा नहीं लेने का कहा जा रहा है। जहां परीक्षा पूरी हो गई है, वहां से फोन कर उन अभिभावकों को परिणाम बताया जा रहा है, जिन्होंने फीस जमा करवा दी है। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि एक बच्चे के अपने साथी को परिणाम बताने व अगली कक्षा में क्रमोन्नत होने का कहने पर वह भी परिणाम के लिए जिद करे और अभिभावकों को मजबूरी में फीस जमा करवानी पड़े।
सता रहा लेट फीस का डर
लॉक डाउन के कारण पाली की फैक्ट्रियों, शो-रूम और दुकानों आदि पर काम करने वाले कई लोगों को तनख्वाह आदि नहीं मिली है या आधी-अधूरी मिली है। ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी चलाना मुश्किल है। इसके बावजूद निजी स्कूल संचालकों के फीस का तकाजा करने से वे परेशान है। कई स्कूल संचालकों ने तो मार्च की फीस जमा नहीं होने पर लेट फीस लेने तक का कह दिया है। कई बड़े स्कूल के कई अभिभावक बिना कहे ही इससे आशंकित भी है।
हां, मिली है शिकायत
स्कूलों की ओर से अभिभावकों से फीस मांगने और परेशानी करने की शिकायत मिली है। सरकार को फीस माफ करने का आदेश जारी करना चाहिए। जिससे अभिभावकों पर बोझ नहीं बढ़े। -विनोद काबरा, प्रदेश अध्यक्ष, इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स काउंसिल, पाली
कुछ इस तरह अभिभावकों से मांगी जा रही फीस…
-फीस मिली तो बताया बच्चे को कर दिया प्रमोट
जिले के कुछ निजी स्कूल संचालक अपने अध्यापकों से हर कक्षा के अभिभावकों को फोन करवा रहे हैं। फोन उन अभिभावकों को ही किया जा रहा है। जिन्होंने फीस जमा करवा दी है। फोन पर बताया जा रहा है कि उनके बच्चे को पिछले टेस्टों के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया गया है। रिपोर्ट कार्ड व शेष जानकारी स्कूल खुलने पर देंगे।
बच्चे पढ़ रहे हैं या नहीं
जिले के कुछ संचालक सीधे फीस नहीं मांग रहे, लेकिन तोड़ निकाल रखा है। वे अभिभावकों को फोन कर पूछ रहे हैं कि बच्चा लॉक डाउन में पढ़ रहा है या नहीं। बच्चे के अब जो परीक्षा शेष है वह होगी या नहीं। बच्चे के अगली कक्षा का पाठयक्रम कैसा होगा। बातो-बातों में फीस जमा नहीं होने पर परिणाम रोकने का कहने से भी नहीं हिचकिचा रहे।
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