शहर में वर्ष 2016 में गंदगी मिटाने और सुविधा का विस्तार करने के लिए सीवरेज का कार्य शुरू किया गया। इसके बाद 24 घंटे पानी देने के लिए जलापूर्ति की पाइप लाइन बिछानी शुरू की गई। इन दोनों कार्यों से शहरवासियों को राहत मिलनी चाहिए थी, लेकिन हुआ इसका उल्टा। शहरवासी पिछले चार साल से टूटी सडक़ों और गड्ढों का दंश झेल रहे हैं। सीवरेज के कोढ़ में खाज का काम किया 24 घंटे जलापूर्ति ने। जिसके शुरू होते ही मीटर हवा की रफ्तार से दौडऩे लगे और शहरवासियों के घर का बजट गडबड़ा गया। लोग बिल लेकर जलदाय विभाग या आरयूआइडीपी के अधिकारियों के पास गए तो उनको पानी का उपयोग मित्वययता से करने का कहकर लौटा दिया गया। बिल राशि में कोई राहत नहीं दी गई।
हालात यह है कि सीवरेज का कार्य शहर में जिस मोहल्ले में भी किया गया। वहां लापरवाही बरती गई। किसी जगह सीवरेज के चैम्बर के ढक्कन सडक़ से ऊपर लगा दिए गए तो कई जगह पर जमीन में दबा दिए। दूसरी तरफ जहां एक बार पाइन लाइन डाली गई। वहां बार-बार लाइन को ठीक करने व पानी निकालने के नाम पर गड्ढे खोदे जा रहे है। इन सीवरेज चैम्बरों व गड्ढों के कारण शहरवासियों की आए दिन जान पर बन आती है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी या आरयूआइडीपी के किसी कारिंदे को यह नजर नहीं आ रहा।
सीवरेज व पानी के प्रोजेक्ट पर एक नजर
2016 वर्ष में शुरू हुआ था सीवरेज का कार्य
2018 नवम्बर में पूरा होना था कार्य, जो अभी चल रहा
2021 मार्च तक कार्य पूरा करने का दावा
353 किमी की सीवरेज लाइन बिछनी है प्रोजेक्ट के तहत शहर में
30 किमी का सीवरेज कार्य अभी तक शेष है शहर में
50 हजार कनेक्शन किए जाएंगे सीवरेज के शहर में
2016 वर्ष में शुरू हुआ था सीवरेज का कार्य
2018 नवम्बर में पूरा होना था कार्य, जो अभी चल रहा
2021 मार्च तक कार्य पूरा करने का दावा
353 किमी की सीवरेज लाइन बिछनी है प्रोजेक्ट के तहत शहर में
30 किमी का सीवरेज कार्य अभी तक शेष है शहर में
50 हजार कनेक्शन किए जाएंगे सीवरेज के शहर में
दावा : समस्या बताते ही करते हैं समाधान
आरयूआइडीपी के पास रोजाना समस्याएं आती है। हम उनका समाधान तुरन्त करते हैं। यदि किसी जगह पर चैम्बर ऊंचे या नीचे है तो उसकी जानकारी मिलते ही ठीक करवा देते है। जहां अभी तक सडक़ नहीं बनी है, वहां सडक़ बनते ही चैम्बर लेवल में आ जाएंगे। आरयूआइडीपी का कार्य मार्च के अंत तक पूरा हो जाएगा। –केके अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, आरयूआइडीपी
आरयूआइडीपी के पास रोजाना समस्याएं आती है। हम उनका समाधान तुरन्त करते हैं। यदि किसी जगह पर चैम्बर ऊंचे या नीचे है तो उसकी जानकारी मिलते ही ठीक करवा देते है। जहां अभी तक सडक़ नहीं बनी है, वहां सडक़ बनते ही चैम्बर लेवल में आ जाएंगे। आरयूआइडीपी का कार्य मार्च के अंत तक पूरा हो जाएगा। –केके अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, आरयूआइडीपी
बरती जा रही लापरवाही
सीवरेज व चौबीस घंटे जलापूर्ति के कार्य में आरयूआइडीपी की ओर से लापरवाही बरती जा रही है। जगह-जगह सीवरेज के चैम्बर ऊंचे लगे हैं। इससे हादसे हो रहे हैं। –किशोर सोमनानी, पूर्व पार्षद
सीवरेज व चौबीस घंटे जलापूर्ति के कार्य में आरयूआइडीपी की ओर से लापरवाही बरती जा रही है। जगह-जगह सीवरेज के चैम्बर ऊंचे लगे हैं। इससे हादसे हो रहे हैं। –किशोर सोमनानी, पूर्व पार्षद
चैम्बर आज भी ऊंचे
सडक़ बनाने के बाद तोड़ी सुंदरनगर की मुख्य सडक़ को बनाने के बाद तोड़ा गया। एक-दो लोगों को पानी का कनेक्शन पहले नहीं देने से ऐसा किया गया। इस सडक़ को मुख्य मार्ग से भी नहीं जोड़ा गया है। सीवरेज चैम्बर आज भी ऊंचे है। –लोकेश सोनी, निवासी, सुंदरनगर
सडक़ बनाने के बाद तोड़ी सुंदरनगर की मुख्य सडक़ को बनाने के बाद तोड़ा गया। एक-दो लोगों को पानी का कनेक्शन पहले नहीं देने से ऐसा किया गया। इस सडक़ को मुख्य मार्ग से भी नहीं जोड़ा गया है। सीवरेज चैम्बर आज भी ऊंचे है। –लोकेश सोनी, निवासी, सुंदरनगर
आधी सडक़ बनाकर छोड़ी
सीवरेज का कार्य करने के बाद सडक़ का निर्माण आधा ही किया गया। हमारे घर व क्षेत्र में सडक़ नहीं बनाई गई है। गड्ढों के कारण भोलेनाथ कॉलोनी के लोगों को परेशानी हो रही है। –राधेश्याम सोनी, भोलेनाथ कॉलोनी
सीवरेज का कार्य करने के बाद सडक़ का निर्माण आधा ही किया गया। हमारे घर व क्षेत्र में सडक़ नहीं बनाई गई है। गड्ढों के कारण भोलेनाथ कॉलोनी के लोगों को परेशानी हो रही है। –राधेश्याम सोनी, भोलेनाथ कॉलोनी
रोजाना गिरते है वाहन चालक
पुलिस चौकी होने के बावजूद यहां आधी सडक़ बनाई है। सडक़ का लेवल ऊंचा होने से आए दिन वाहन चालक गिरते हैं। क्षेत्र के लोगों ने यहा पत्थर रखे हैं, जिससे वाहन चालक गिरे नहीं। –पुखराज राजपुरोहित, रामदेव रोड
पुलिस चौकी होने के बावजूद यहां आधी सडक़ बनाई है। सडक़ का लेवल ऊंचा होने से आए दिन वाहन चालक गिरते हैं। क्षेत्र के लोगों ने यहा पत्थर रखे हैं, जिससे वाहन चालक गिरे नहीं। –पुखराज राजपुरोहित, रामदेव रोड
ऐसे है शहर के हालात
भैरूघाट से पानी दरवाजा मार्गपुराने शहर में आने का एक मात्र रास्ता है। इस पर सीवरेज का कार्य करने के बाद अधिकांश सीवरेज के चैम्बर सडक़ से ऊंचे छोड़े गए हैं। इनसे टकराकर रोजाना दुपहिया वाहन चालक गिरते हैं। एक जगह पर तो चैम्बर इतना ऊंचा है कि कारों का निचला हिस्सा तक उससे टकरा जाता है।
भैरूघाट से पानी दरवाजा मार्गपुराने शहर में आने का एक मात्र रास्ता है। इस पर सीवरेज का कार्य करने के बाद अधिकांश सीवरेज के चैम्बर सडक़ से ऊंचे छोड़े गए हैं। इनसे टकराकर रोजाना दुपहिया वाहन चालक गिरते हैं। एक जगह पर तो चैम्बर इतना ऊंचा है कि कारों का निचला हिस्सा तक उससे टकरा जाता है।
रामदेव रोड पुलिया
बाबा रामदेव मंदिर से लेकर रामदेव रोड की तरफ आने वाले मार्ग का निर्माण कर दिया गया है। यहां पुलिस चौकी के सामने सडक़ पर रपट बनाने के बजाय चार-पांच इंच से ऊंची सडक़ की पट्टी को यूं ही छोड़ दिया है। इस कारण रोजाना वाहन चालक उससे गिरते हैं।
बाबा रामदेव मंदिर से लेकर रामदेव रोड की तरफ आने वाले मार्ग का निर्माण कर दिया गया है। यहां पुलिस चौकी के सामने सडक़ पर रपट बनाने के बजाय चार-पांच इंच से ऊंची सडक़ की पट्टी को यूं ही छोड़ दिया है। इस कारण रोजाना वाहन चालक उससे गिरते हैं।
भोलेनाथ कॉलोनी नया गांव क्षेत्र
इस कॉलोनी में लोर्डिया बांध में आने वाले कांकड के पानी के नाले के पास पक्की सीसी रोड बना दी गई है। जो आधी छोड़ दी है। सडक़ अभी तक कच्ची ही पड़ी है, इससे क्षेत्रवासियों को आवागमन में परेशानी होती है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि ऐसा भेदभाव रखते हुए किया गया है।
इस कॉलोनी में लोर्डिया बांध में आने वाले कांकड के पानी के नाले के पास पक्की सीसी रोड बना दी गई है। जो आधी छोड़ दी है। सडक़ अभी तक कच्ची ही पड़ी है, इससे क्षेत्रवासियों को आवागमन में परेशानी होती है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि ऐसा भेदभाव रखते हुए किया गया है।
इन्दिरा कॉलोनी मार्ग
नहर पुलिया से इंदिरा कॉलोनी जाने वाले मार्ग पर अभी कार्य चल रहा है, लेकिन लापरवाही के साथ वहां सडक़ के बीच ही पत्थर पड़े है। जिनसे रोजाना वाहन चालक टकराते है। मार्ग के गड्ढों को भी ढंग से नहीं पाटा गया है। इससे दुपहिया वाहन चालकों के गिरने का हर पल खतरा रहता है।
नहर पुलिया से इंदिरा कॉलोनी जाने वाले मार्ग पर अभी कार्य चल रहा है, लेकिन लापरवाही के साथ वहां सडक़ के बीच ही पत्थर पड़े है। जिनसे रोजाना वाहन चालक टकराते है। मार्ग के गड्ढों को भी ढंग से नहीं पाटा गया है। इससे दुपहिया वाहन चालकों के गिरने का हर पल खतरा रहता है।
मंडिया रोड क्षेत्र
इस क्षेत्र को सीवरेज लाइन के नाम पर कई बार खोदा जा चुका है। यह क्रम अभी तक जारी है। अभी भी मंडिया रोड पर कार्य चल रहा है। इसी क्षेत्र से सीवरेज का पानी एसटीपी तक जाएगा। जहां से फिल्टर करने के बाद उसका उपयोग औद्योगिक इकाइयों में किया जाएगा। अभी तक एसटीपी पर करीब 5-7 हजार कनेक्शन का पानी ही पहुंच रहा है।
इस क्षेत्र को सीवरेज लाइन के नाम पर कई बार खोदा जा चुका है। यह क्रम अभी तक जारी है। अभी भी मंडिया रोड पर कार्य चल रहा है। इसी क्षेत्र से सीवरेज का पानी एसटीपी तक जाएगा। जहां से फिल्टर करने के बाद उसका उपयोग औद्योगिक इकाइयों में किया जाएगा। अभी तक एसटीपी पर करीब 5-7 हजार कनेक्शन का पानी ही पहुंच रहा है।
घरों तक नहीं पहुंच रहा पानी
शहर में 24 घंटे जलापूर्ति की पाइप लाइन से पानी की सप्लाई कई जगह पर शुरू कर दी गई है, लेकिन अभी तक किसी भी जगह पर 24 घंटे पानी नहीं पहुंच रहा है। हालात यह है कि कई जगह पर पानी तक नहीं पहुंच रहा। सुंदरनगर के पीछे की तरफ बसी कॉलोनियों में भी पानी नहीं पहुंच रहा है। ऐसा ही हाल कई अन्य जगहों पर भी है।
शहर में 24 घंटे जलापूर्ति की पाइप लाइन से पानी की सप्लाई कई जगह पर शुरू कर दी गई है, लेकिन अभी तक किसी भी जगह पर 24 घंटे पानी नहीं पहुंच रहा है। हालात यह है कि कई जगह पर पानी तक नहीं पहुंच रहा। सुंदरनगर के पीछे की तरफ बसी कॉलोनियों में भी पानी नहीं पहुंच रहा है। ऐसा ही हाल कई अन्य जगहों पर भी है।
हर तरफ उड़ती मिट्टी
सीवरेज का कार्य करने के बाद कई जगह पर छोड़ी गई कच्ची सडक़ों से रोजाना मिट्टी उड़ती है। इसे नाराज भैरूघाट क्षेत्र के कुछ लोगों ने चंद दिनों पहले जाम लगाया था। आज रामदेव रोड, मंडिया रोड, नया गांव क्षेत्र, रेलवे स्टेशन के दूसरी तरफ की कॉलोनियों में भी कई जगह ऐसे ही हालात है। लोगों के घरों में पानी के कनेक्शन करने के लिए जिस कम्पनी को कार्य दिया है। उसको गड्ढे खोदने के लिए ड्रिल मशीन चलानी होती है। यह कार्य करने के लिए उसके कार्मिक खुद व्यवस्था करने के बजाय लोगों के घरों से बिजली का कनेक्शन ले रहे है। इसके लिए यदि कोई व्यक्ति मना करता है तो श्रमिक उसका कनेक्शन नहीं होने का कहकर उसे धमकाते हैं और आखिर में बिजली उसकी लेकर ही गड्ढा खोदते हैं।
सीवरेज का कार्य करने के बाद कई जगह पर छोड़ी गई कच्ची सडक़ों से रोजाना मिट्टी उड़ती है। इसे नाराज भैरूघाट क्षेत्र के कुछ लोगों ने चंद दिनों पहले जाम लगाया था। आज रामदेव रोड, मंडिया रोड, नया गांव क्षेत्र, रेलवे स्टेशन के दूसरी तरफ की कॉलोनियों में भी कई जगह ऐसे ही हालात है। लोगों के घरों में पानी के कनेक्शन करने के लिए जिस कम्पनी को कार्य दिया है। उसको गड्ढे खोदने के लिए ड्रिल मशीन चलानी होती है। यह कार्य करने के लिए उसके कार्मिक खुद व्यवस्था करने के बजाय लोगों के घरों से बिजली का कनेक्शन ले रहे है। इसके लिए यदि कोई व्यक्ति मना करता है तो श्रमिक उसका कनेक्शन नहीं होने का कहकर उसे धमकाते हैं और आखिर में बिजली उसकी लेकर ही गड्ढा खोदते हैं।
टोल फ्री नम्बर पर कर सकते हैं शिकायत
आरयूआइडीपी ने एक टोल फ्री नम्बर जारी किया है। यहां शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। टोल फ्री नम्बर 18001201345 पर नम्बर कर सीवरेज या चौबीस घंटे जलापूर्ति की परेशानियों के बारे में आरयूआइडीपी के अधिकारियों को बताया जा सकता है।
आरयूआइडीपी ने एक टोल फ्री नम्बर जारी किया है। यहां शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। टोल फ्री नम्बर 18001201345 पर नम्बर कर सीवरेज या चौबीस घंटे जलापूर्ति की परेशानियों के बारे में आरयूआइडीपी के अधिकारियों को बताया जा सकता है।
ये 24 घंटे पानी का प्रोजक्ट
690 किमी की 24 घंटे जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछेगी
54 हजार से अधिक कनेक्शन किए जाएंगे पानी के शहर में
42 किमी का कार्य 24 घंटे जलापूर्ति का है शेष
690 किमी की 24 घंटे जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछेगी
54 हजार से अधिक कनेक्शन किए जाएंगे पानी के शहर में
42 किमी का कार्य 24 घंटे जलापूर्ति का है शेष