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पाली

इनके लिए क्यों है दीपावली फीकी, जानिए पूरी खबर में

-दिल्ली-जयपुर के बीच दावेदार की दौड़ जारी-टिकट मिलने तक नहीं है चैन

पालीNov 01, 2018 / 04:46 pm

Suresh Hemnani

Rajasthan Assembly election 2018

इनके लिए क्यों है दीपावली फीकी, जानिए पूरी खबर में

पाली। दीपोत्सव की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। एक सप्ताह बाद यह पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। दीपोत्सव के उल्लास पर इस बार चुनावी रंग चढ़ा हुआ है। हर किसी को प्रत्याशियों की सूची का बेसब्री से इंतजार है। टिकट की दौड़ में शामिल दावेदारों के लिए दीपोत्सव की खुशियां जरूर फीकी है। वे पिछले एक पखवाड़े से दिल्ली-जयपुर के बीच दौड़ लगाने में व्यस्त हैं।

आमतौर पर दीपोत्सव की तैयारियां एक माह पहले शुरू हो जाती है। घरों में साफ-सफाई और रंग रोगन का काम चलता है। वहीं बाजार में भी चहल-पहल बढ़ जाती है। इस बार दीपोत्सव की चहल-पहल के साथ-साथ चुनावी रंगत भी छाई हुई है। हर किसी की जुबां पर दीपोत्सव से ज्यादा चुनावी माहौल की चर्चा है। चाय की थड़ी और नाई की दुकान से लेकर शो रूमों का यही माहौल है। अधिकांश दावेदार भी दिल्ली-जयपुर में ही डेरा डाले हुए हैं। टिकट मिलने तक उनका सुख-चैन छिना हुआ है।
कड़ी परीक्षा से गुजर रहे समर्पित कार्यकर्ता
प्रत्याशी के चयन से पहले पार्टी समर्पित और तटस्थ कार्यकर्ताओं को कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ रहा है। पार्टी में कई दावेदार हैं। ऐसे में उन्हें सभी से मेलजोल रखना मुश्किल हो रहा है। प्रत्याशियों के नामों की घोषणा से पहले संगठन का काम भी दोनों पार्टियों का धीमा ही चल रहा है। व्यक्ति समर्पित कार्यकर्ता अपने-अपने नेताओं का चुनाव प्रचार जरूर कर रहे हैं। वहीं, तटस्थ कार्यकर्ताओं ने चुप्पी साध रखी है। आमतौर पर ऐसे कार्यकर्ता प्रत्याशी का नाम होने के बाद ही खुलकर सामने आएंगे। कई कार्यकर्ताओं को दावेदारों की नाराजगी की भी आशंका रहती है। ऐसे में वे किसी एक पक्ष से खुलकर मिलना या प्रचार-प्रसार में शामिल होना मुनासिब नहीं समझ रहे।
पाली की अधिकांश सीटों पर पेच
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो पाली जिले की अधिकांश सीटों पर पेच ही फंसा हुआ है। भाजपा की एक सीट पर कोई विवाद नहीं है, जबकि पांचों सीटों पर दावेदारों में कड़ी प्रतिस्पद्र्धा चल रही है। पांचों जगह स्थानीय विधायकों को बदलने की मांग के कारण भाजपा आलाकमान भी जल्दबाजी में निर्णय करने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में पहली सूची में पाली की एक सीट को छोडकऱ प्रत्याशी का नाम घोषित किया जाना संभव नहीं लग रहा। इसी तरह, कांग्रेस में भी यही हाल है। सभी सीटों पर पेच फंसा हुआ है। दावेदारों की लम्बी कतार और बगावत की आशंका को लेकर कांग्रेस फूंक-फूंक कदम रख रही है। कांग्रेस में छहों सीटों पर जबरदस्त घमासान है। ऐसे में दीपोत्सव से पहले नाम तय होना मुश्किल ही है। पाली की एक-दो सीट तो ऐसी है जहां कांग्रेस अंतिम समय में प्रत्याशी तय करेगी।
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