कांग्रेस के 46 साल... यहां चुनाव-दर-चुनाव बदला चेहरा... नहीं बदला मतदाताओं का मन
पालीPublished: Nov 02, 2023 11:05:56 am
पाली और बाली विधानसभा की दिलचस्प सियासी तस्वीर


कांग्रेस के 46 साल... यहां चुनाव-दर-चुनाव बदला चेहरा... नहीं बदला मतदाताओं का मन
-राजेन्द्रसिंह देणोक पांच विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस की सियासी चौसर बिछ गई है। शह-मात के खेल में ज्यादातर पुराने खिलाड़ी आमने-सामने हैं। लेकिन, अन्य सीटों के मुकाबले पाली और बाली का सियासी इतिहास दिलचस्प और रोचक है। पाली एकमात्र ऐसी सीट हैं, जहां कांग्रेस ने कभी भी एक ही उम्मीदवार को अगले चुनाव में रिपीट नहीं किया। यानी हर चुनाव में पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने वाला चेहरा बदलता गया। इसके बावजूद यहां कांग्रेस को न तो एंटीइंकम्बेंसी का फायदा मिला और न ही नए उम्मीदवार का। यही कारण है कि 1977 से 2018 तक पाली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी महज दो बार मतदाताओं का भरोसा जीतने में सफल रहे, जबकि 7 बार नकार दिया गया। वह भी पहले दो चुनावों में ही कांग्रेस उम्मीदवारों को आशीर्वाद मिला था।