कमजोर वर्ग को राहत पहुंचाई
कोरोना महामारी के दौरान कई ऐसे मध्यम वर्गीय कमजोर परिवार है, जिनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। ऐसे परिवारों को राशन सामग्री वितरित की। लॉकडाउन के दौरान विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर हर जरूरतमंद की मदद के लिए तत्पर रहे। –छोटूसिंह उदावत, अध्यक्ष, जय भवानी राजपूत संस्था
कोरोना महामारी के दौरान कई ऐसे मध्यम वर्गीय कमजोर परिवार है, जिनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। ऐसे परिवारों को राशन सामग्री वितरित की। लॉकडाउन के दौरान विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर हर जरूरतमंद की मदद के लिए तत्पर रहे। –छोटूसिंह उदावत, अध्यक्ष, जय भवानी राजपूत संस्था
आर्थिक सहयोग किया
कोरोना महामारी के दौरान मुख्यमंत्री सहायता कोष में पांच लाख रुपए का चेक दिया। इसके अलावा भी जहां-जहां जरूरत महसूस हुई सहयोग में कमी नहीं रखी। समाज की विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और अन्य समाजबंधु कोरोना की महामारी में कमजोर तबके की सेवा में जुटे रहे। –भंवरसिंह मंडली, समाजसेवी
कोरोना महामारी के दौरान मुख्यमंत्री सहायता कोष में पांच लाख रुपए का चेक दिया। इसके अलावा भी जहां-जहां जरूरत महसूस हुई सहयोग में कमी नहीं रखी। समाज की विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और अन्य समाजबंधु कोरोना की महामारी में कमजोर तबके की सेवा में जुटे रहे। –भंवरसिंह मंडली, समाजसेवी
सेवाभाव क्षत्रिय का धर्म
पीडि़त और कमजोर की सेवा करना क्षत्रिय का परम धर्म है। कोरोना महामारी के दौरान कई लोग मुसीबत में आ गए। कइयों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई। ऐसे जरूरतमंद लोगों को विभिन्न प्रकार से सहयोग कर महामारी से मुकाबला करने का संबल प्रदान किया। –चेतनसिंह झाला, समाजसेवी
पीडि़त और कमजोर की सेवा करना क्षत्रिय का परम धर्म है। कोरोना महामारी के दौरान कई लोग मुसीबत में आ गए। कइयों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई। ऐसे जरूरतमंद लोगों को विभिन्न प्रकार से सहयोग कर महामारी से मुकाबला करने का संबल प्रदान किया। –चेतनसिंह झाला, समाजसेवी
मूक प्राणियों की सेवा की
कोरोना महामारी में मनुष्य के साथ-साथ मूक प्राणियों पर भी संकट आ गया। शहर में बड़ी तादाद में गाय, कुत्ते इत्यादि भूख से बिलख रहे थे। पूरे लॉकडाउन के दौरान मूक प्राणियों के लिए चारा, दाना-पानी इत्यादि की व्यवस्था की। गायों को नियमित रूप से लापसी खिला रहे थे। –गजेन्द्रसिंह कालवी, विकास अधिकारी, एलआइसी
कोरोना महामारी में मनुष्य के साथ-साथ मूक प्राणियों पर भी संकट आ गया। शहर में बड़ी तादाद में गाय, कुत्ते इत्यादि भूख से बिलख रहे थे। पूरे लॉकडाउन के दौरान मूक प्राणियों के लिए चारा, दाना-पानी इत्यादि की व्यवस्था की। गायों को नियमित रूप से लापसी खिला रहे थे। –गजेन्द्रसिंह कालवी, विकास अधिकारी, एलआइसी
सुमेरपुर में राहत शिविर चलाया
सडक़ पर पैदल चल रहे श्रमिकों और बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासियों के लिए सुमेरपुर में करीब दो माह तक राहत शिविर चलाया। शिविर में भोजन की सम्पूर्ण व्यवस्था की। श्रमिकों को सुबह-शाम खुद के हाथ से खाना खिलाया। गांवों में भी जरूरतमंदों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। –तखतसिंह राठौड़, समाजसेवी, चाणोद
सडक़ पर पैदल चल रहे श्रमिकों और बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासियों के लिए सुमेरपुर में करीब दो माह तक राहत शिविर चलाया। शिविर में भोजन की सम्पूर्ण व्यवस्था की। श्रमिकों को सुबह-शाम खुद के हाथ से खाना खिलाया। गांवों में भी जरूरतमंदों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। –तखतसिंह राठौड़, समाजसेवी, चाणोद
हर किसी ने निभाया मानवता का धर्म
राजपूत समाज की विभिन्न संस्थाएं और जनप्रतिनिधि ही नहीं, समाज का हर व्यक्ति अपने सामर्थ अनुसार कमजोर तबके की सेवा में लगा रहा। शहर में कई परिवारों को राशन सामग्री उपलब्ध कराई तो गांवों में भी जरूरतमंदों को सहयोग किया। समाज ने महामारी के दौरान क्षत्रिय धर्म का निर्वहन किया। –सवाईसिंह जैतावत, उपाध्यक्ष, जय भवानी राजपूत संस्था
राजपूत समाज की विभिन्न संस्थाएं और जनप्रतिनिधि ही नहीं, समाज का हर व्यक्ति अपने सामर्थ अनुसार कमजोर तबके की सेवा में लगा रहा। शहर में कई परिवारों को राशन सामग्री उपलब्ध कराई तो गांवों में भी जरूरतमंदों को सहयोग किया। समाज ने महामारी के दौरान क्षत्रिय धर्म का निर्वहन किया। –सवाईसिंह जैतावत, उपाध्यक्ष, जय भवानी राजपूत संस्था