विशिष्ठ लोक अभियोजक शाबिर खान ने बताया कि 22 अक्टूबर 2013 को पीडि़ता परिजनों के साथ पुलिस अधीक्षक से मिली तथा घटना की जानकारी दी। जिसमें बताया कि वह निर्माण स्थलों पर मजदूरी का काम करती है। नारलाई में एक मकान में मार्बल घिसाई के कार्य के दौरान अकेला देख नारलाई (देसूरी) निवासी कारीगर गोविन्द (21) पुत्र मांगीलाल सरगरा ने डरा धमका उससे बलात्कार किया।
रिपोर्ट में बताया कि आरोपी ने शादी करने का विश्वास दिला उससे आठ-दस बार बलात्कार किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश बृजमाधुरी शर्मा ने अभियुक्त गोविन्द को पीडि़ता से दुष्कर्म का दोषी मानते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास व 20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।