इसमें बुराई के प्रतीक रावण, कुंभकरण, मेघनाद के तीन पुतलों के साथ भ्रष्टाचार, महिला अत्याचार, नशा, गौ हत्या सहित अन्य बुराइयों को त्यागने का संदेश दिया गया। रावण दहन के समय रामलीला मैदान परिसर भगवान राम के जयकारों से गूंज उठा।
रावण दहन के लिए शाम साढ़े चार बजे बाद चंद शहरवासी रामलीला मैदान पहुंचे और रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतले खड़े किए। इसके चंद मिनटों बाद ही पुलिसकर्मी व अधिकारी मौके पर पहुंचे तो लोगों ने रावण दहन के बारे में प्रशासन को सूचना देने की बात कही। इसके बाद रघुनाथ मंदिर से राम, सीता व हनुमान का रूप धरे तीन बच्चों रामलीला मैदान पहुंचे।
उनको ढोल की थाप और थाली की झनकार के साथ दहन स्थल पर लाया गया। वहां राम ने सबसे पहले मेघनाद, उसके बाद कुंभकरण और अंत में रावण का दहन किया। दहन होते ही डिप्टी व सीओ सिटी मौके पर पहुंचे और लोगों को वहां से रवाना किया।