प्रदूषण नियंत्रण मंडल जयपुर ने बुधवार को एक आदेश जारी किया। जिसके तहत पाली, बालोतरा, जसोल, जोधपुर एवं बिटूंजा के उद्यमियों की पेडिंग मांग स्वीकृत करते हुए उन्हें इकाईयों में चेंज ऑफ प्रोसेस की स्वीकृति जारी कि। जिसके चलते अब उद्यमी अपने इकाईयों में पुरानी मशीनरी हटाकर आधुनिक व नई तकनीक की मशीनरी स्थापित कर सकेंगे। जिससे की मार्केट में बने रह सके।
फिलहाल पाली में 40 इकाईयों को राहत
सीईटीपी ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल गुलेच्छा ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने ऐसी इकाईयों को चेंज ऑफ प्रोसेस की स्वीकृति जारी की। जहां कपड़ा डाइंग व प्रिंटिंग का पूरा कार्य होता है। पाली में ऐसे 30-40 इकाइयां ही है। उन्होंने बताया अधिकतर इकाईयों में एक ही काम होता है। किसी में डाइंग तो किसी में प्रिंटिंग का काम। उन्होंने बताया कि सीईटीपी से 550 से अधिक इकाइयां जुड़ी हुई है। शेष इकाईयों के मालिकों को भी चेंज ऑफ प्रोसेस की स्वीकृति मिले इसको लेकर प्रदूषण नियंत्रण मंडल से मांग की है। इसको लेकर उन्होंने आश्वासन दिया है। जल्द ही इसको लेकर सकारात्मक बात सामने आएगी। जिससे पाली सहित अन्य औद्योगिक शहरों के उद्यमियों को राहत मिल सकेगी।
सीईटीपी ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल गुलेच्छा ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने ऐसी इकाईयों को चेंज ऑफ प्रोसेस की स्वीकृति जारी की। जहां कपड़ा डाइंग व प्रिंटिंग का पूरा कार्य होता है। पाली में ऐसे 30-40 इकाइयां ही है। उन्होंने बताया अधिकतर इकाईयों में एक ही काम होता है। किसी में डाइंग तो किसी में प्रिंटिंग का काम। उन्होंने बताया कि सीईटीपी से 550 से अधिक इकाइयां जुड़ी हुई है। शेष इकाईयों के मालिकों को भी चेंज ऑफ प्रोसेस की स्वीकृति मिले इसको लेकर प्रदूषण नियंत्रण मंडल से मांग की है। इसको लेकर उन्होंने आश्वासन दिया है। जल्द ही इसको लेकर सकारात्मक बात सामने आएगी। जिससे पाली सहित अन्य औद्योगिक शहरों के उद्यमियों को राहत मिल सकेगी।