उत्खनन में मिले पुरावशेष
प्राचीन जूना खेड़ा में उत्खनन टीम द्वारा अवशेष क्षतिग्रस्त नहीं हो इसको लेकर अनुभवी कार्मिकों द्वारा छोटे-छोटे औजारों से वैज्ञानिक पद्धति से खुदाई की जा रही है। टीम को उत्खनन के दौरान अच्छी आकृति वाला बीड का टुकड़ा, कौडिय़ां, सीप से बनी हुई चूडिय़ों के टुकड़े, हल्के पत्थर के महिलाओं के कमर में बांधने वाले मणके, आभूषण की डाई व ठोस मिट्टी से बने छोटे-छोटे टुकड़े मिले हैं। पुराविदों का कहना है कि इस प्राचीन सभ्यता में यह क्षेत्र कुटीर उद्योग का क्षेत्र भी माना जा सकता है। जूना खेड़ा की खुदाई में मिले साक्ष्य के आधार पर यह कहा जा सकता है कि यहां की महिलाएं आभूषण प्रिय थी।
प्राचीन जूना खेड़ा में उत्खनन टीम द्वारा अवशेष क्षतिग्रस्त नहीं हो इसको लेकर अनुभवी कार्मिकों द्वारा छोटे-छोटे औजारों से वैज्ञानिक पद्धति से खुदाई की जा रही है। टीम को उत्खनन के दौरान अच्छी आकृति वाला बीड का टुकड़ा, कौडिय़ां, सीप से बनी हुई चूडिय़ों के टुकड़े, हल्के पत्थर के महिलाओं के कमर में बांधने वाले मणके, आभूषण की डाई व ठोस मिट्टी से बने छोटे-छोटे टुकड़े मिले हैं। पुराविदों का कहना है कि इस प्राचीन सभ्यता में यह क्षेत्र कुटीर उद्योग का क्षेत्र भी माना जा सकता है। जूना खेड़ा की खुदाई में मिले साक्ष्य के आधार पर यह कहा जा सकता है कि यहां की महिलाएं आभूषण प्रिय थी।
जानकारी को जुटने लगे लोग
नाडोल के प्राचीन जूना खेड़ा के उत्खनन के दौरान आस-पास क्षेत्र के पुरातत्व प्रेमियों ने अपनी रुचि दिखाई। पुरातत्व प्रेमी रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी रणवीरसिंह चौहान व रमेश सेन ने प्राचीन जूना खेड़ा के ऐतिहासिक अवशेषों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
नाडोल के प्राचीन जूना खेड़ा के उत्खनन के दौरान आस-पास क्षेत्र के पुरातत्व प्रेमियों ने अपनी रुचि दिखाई। पुरातत्व प्रेमी रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी रणवीरसिंह चौहान व रमेश सेन ने प्राचीन जूना खेड़ा के ऐतिहासिक अवशेषों के बारे में जानकारी प्राप्त की।