गिरादडा़ गांव में बहुत पुराने ठाकुरजी मंदिर का वापस र्जीणोद्वार किया गया। बाद में राधा कृष्ण की प्रतिमा को वापस स्थापित किया गया। इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो गांव में घूमकर तालाब की पाल पर पंहुची। शोभायात्रा में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी बाद में पंडितो द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ यजमानों के साथ हवन में आहूतियां दी गई।
गिरादडा़ गांव में बहुत पुराने ठाकुरजी मंदिर का वापस र्जीणोद्वार किया गया। बाद में राधा कृष्ण की प्रतिमा को वापस स्थापित किया गया। इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो गांव में घूमकर तालाब की पाल पर पंहुची। शोभायात्रा में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी बाद में पंडितो द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ यजमानों के साथ हवन में आहूतियां दी गई।
गिरादडा़ गांव में बहुत पुराने ठाकुरजी मंदिर का वापस र्जीणोद्वार किया गया। बाद में राधा कृष्ण की प्रतिमा को वापस स्थापित किया गया। इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो गांव में घूमकर तालाब की पाल पर पंहुची। शोभायात्रा में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी बाद में पंडितो द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ यजमानों के साथ हवन में आहूतियां दी गई।
गिरादडा़ गांव में बहुत पुराने ठाकुरजी मंदिर का वापस र्जीणोद्वार किया गया। बाद में राधा कृष्ण की प्रतिमा को वापस स्थापित किया गया। इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो गांव में घूमकर तालाब की पाल पर पंहुची। शोभायात्रा में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी बाद में पंडितो द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ यजमानों के साथ हवन में आहूतियां दी गई।
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