इसी उद्देश्य को लेकर पत्रिका ने ‘जनता का बजट, जनता की अपेक्षा’ राउंड टेबल श्रंखला शुरू की है। इसमें बजट को लेकर विभिन्न वर्गों से चर्चा की जाएगी। कपड़ा नगरी पाली के उद्यमियों और व्यापारियों ने बजट से क्या उम्मीदें पाल रखी है इस पर पत्रिका ने व्यापारियों और उद्यमियों से बातचीत की। व्यापारियों और उद्यमियों से चर्चा में सामने आया कि कोरोनाकाल में अर्थव्यवस्था सर्वाधिक प्रभावित हुई। इसे दोबारा पटरी पर लाने के लिए सरकार को व्यापार-उद्योगों के लिए प्रति उदारता की नीति अपनानी होगी।
ये बोले उद्यमी
कोरोना के हिसाब से देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ी है। उद्योग-व्यापार को पटरी पर लाने के लिए व्यापारियों के प्रति उदारता बरती जानी चाहिए। केन्द्र व राज्य सरकार सरकार अपनी नीतियों में कुछ ऐसे बदलाव लाएं कि व्यापारियों के लिए मददगार साबित हो। पाली के कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार विशेष संबल प्रदान करें। –पीयूष गोगड़, कपड़ा उद्यमी
कोरोना के हिसाब से देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ी है। उद्योग-व्यापार को पटरी पर लाने के लिए व्यापारियों के प्रति उदारता बरती जानी चाहिए। केन्द्र व राज्य सरकार सरकार अपनी नीतियों में कुछ ऐसे बदलाव लाएं कि व्यापारियों के लिए मददगार साबित हो। पाली के कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार विशेष संबल प्रदान करें। –पीयूष गोगड़, कपड़ा उद्यमी
कोरोनाकाल में व्यापारी वर्ग सर्वाधिक त्रस्त हुआ है। उद्योग-धंधे चौपट हो गए। अब स्थिति में सुधार हो रहा है। केन्द्र व राज्य को बजट के जरिए व्यापारी वर्ग को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। कर नीति में उदारता बरती जानी चाहिए। जीएसटी में भी सरकार लचीलाचन लाएं। कर संग्रहण इत्यादि के लिए व्यापारियों में भय का माहौल न पैदा करें।
–रजनीश कर्नावट, उद्यमी एवं पूर्व अध्यक्ष आरटीएचपी
–रजनीश कर्नावट, उद्यमी एवं पूर्व अध्यक्ष आरटीएचपी
ग्रेनाइट पर 18 प्रतिशत जीएसटी लग रही है। यह बहुत मायने रखती है। ग्रेनाइट आम व्यक्ति की जरूरत है। जीएसटी और रॉयल्टी में सरकार उदारता लाए। डीजल की दर भी यहां ज्यादा है। जबकि गुजरात में डीजल सस्ता मिल रहा। इससे परिवहन की दरें भी अप्रत्याशित बढ़ गई। सरकार को उद्योगों के लिए सौर ऊर्जा नीति बनानी चाहिए। –प्रवीण तोषनीवाल, ग्रेनाइट उद्यमी
देशभर में जेडएलडी नीति ‘वन नेशन वन लॉ ’ के अनुरूप में लागू करें। जल प्रदूषण को लेकर केन्द्र के वस्त्र मंत्रालय की आइपीडीएस योजना को पुन: शुरू किया जाना चाहिए। योजना में कुछ विषंगतियां थीं, उन्हें भी दुरुस्त किया जाए। उद्योगों को रफ्तार देने के लिए करों में भी राहत आवश्यक है। –अनिल गुलेच्छा, अध्यक्ष, सीइटीपी
सीइटीपी प्लांट अपग्रेडेशन के लिए राज्य सरकार को 75 फीसदी अनुदान देना चाहिए। इसकी लागत ज्यादा है। सरकार के सहयोग के बिना अपग्रेडेशन आसान नहीं है। निजी इकाइयों में इटीपी लगाने के लिए भी 50 फीसदी अनुदान दिया जाना चाहिए। पाली में रेडिमेड गारमेंट का काम व्यापक स्तर पर शुरू हुआ है। इसमें बिजली की खपत में रियायत देनी चाहिए। –विनय बंब, कपड़ा उद्यमी
जीएसटी में बहुत जटिलताएं है। व्यापारियों के सामने नित नई परेशानियां झेलनी पड़ रही है। इसमें लचिलापन लाएं। सिंगल विंडो जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। व्यापारियों को छोटे से काम के लिए विभागों के चक्कर काटने पड़ते हैं। गुजरात की तरह राजस्थान में व्यापारिक नीति सरल बनाई जाए। उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए सोलर नीति आसान बनाए। रीको के भूखण्ड रियायती दरों पर उपलब्ध कराएं। –कमलेश गुगलिया, कपड़ा उद्यमी
टैक्स में रियात मिलनी चाहिए। लॉकडाउन में जो व्यापारियों का नुकसान हुआ उसके लिए केन्द्र व राज्य सरकारों को रियायत देनी चाहिए ताकि उस नुकसान की भरपाई हो सके। पेट्रोल, डीजल, बिजली और गैस की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। सरकार को इस पर अंकुश लगाना चाहिए। –दिलीप भैरवानी, व्यापारी