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पानी के लिए 20 साल से ‘जंग’ लड़ रहा पूर्व सैनिक, अब थक-हारकर कलक्टर से मांगी इच्छा मृत्यु

locationपालीPublished: Mar 12, 2021 07:38:04 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-कलक्टर को लिखा पत्र : कहा, पानी का प्रबंध नहीं कर सकते तो इच्छा मृत्यु की इजाजत दें

पानी के लिए 20 साल से ‘जंग’ लड़ रहा पूर्व सैनिक, अब थक-हारकर कलक्टर से मांगी इच्छा मृत्यु

पानी के लिए 20 साल से ‘जंग’ लड़ रहा पूर्व सैनिक, अब थक-हारकर कलक्टर से मांगी इच्छा मृत्यु

-राजेन्द्रसिंह देणोक
पाली। ‘मैंने 32 साल तक देश की सेवा की। 1999 में सेवानिवृत हुआ। तभी से पानी के लिए जंग लड़ रहा हूं। समस्या का हल कराने के लिए इतने पत्र लिख चुका हूं कि एक मोटी फाइल बन गई है। मैंने यह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि एक सैनिक को युद्ध के मैदान से ज्यादा मुश्किल तो किसी और मोर्चे पर उठानी होती है। वतन की हिफाजत के लिए दुश्मनों से कई बार हंसते-हंसते सामना हुआ, लेकिन ऐसी जिल्लत कभी नहीं झेली। अब यदि आप पानी का प्रबंध नहीं कर सकते तो मुझे इच्छा मृत्यु की इजाजत दे दें।’ यह मजमून हैं बाली उपखण्ड स्थित श्रीसेला गांव निवासी सेवानिवृत ऑनरेरी कैप्टन नारायणसिंह चौहान द्वारा जिला कलक्टर पाली को लिखे गए पत्र का, जिसमें उन्होंने पिछले दो दशक से घर तक पानी लाने के लिए सरकारी व्यवस्था से जंग लडऩे की व्यथा लिखी है।
दरअसल, चौहान बोम्बे इंजीनियर कोर में तीन दशक तक सेवाएं देकर 4 अप्रेल 199 को सेवानिवृत हुए। वे जब गांव में स्थायी रूप से रहने लगे तो पानी की किल्लत से सामना हुआ। रोज-रोज की परेशानी से तंग आकर उन्होंने शुरुआत में सरपंच, ग्रासेवक और पटवारी को अपनी परेशानी बताई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। तत्पश्चात वे जलदाय विभाग के अधिकारियों की चौखट तक पहुंचे, यहां भी कोई राहत नहीं मिली। उन्होंने तहसीलदार और उपखण्ड अधिकारी तक को अपनी पीड़ा बता दी, फिर भी पानी की समस्या जस की तस है। चौहान के पास रखी फाइल में लिखे पत्र इसके गवाह है कि वे अब तक दर्जनों पत्र लिख चुके हैं।
पत्नी वार्डपंच, पिता भी रहे हैं फौजी
चौहान की पत्नी पारसकंवर वर्तमान में ग्राम पंचायत धणी के वार्ड संख्या 6 से वार्डपंच है। पिता उम्मेदसिंह भी सेना में रहे हैं। पत्नी के वार्डपंच होने के कारण ग्राम पंचायत ने एक सप्ताह पूर्व जरूर साढ़े तीन सौ फीट पाइप उपलब्ध कराया, लेकिन पानी की समस्या हल नहीं हुई। कुछ समय पूर्व पति-पत्नी बाली उपखण्ड अधिकारी से भी मिले थे। उन्होंने विकास अधिकारी और तहसीलदार के पास जाने का कह दिया।
अंतिम छोर पर है पूर्व सैनिक का घर
पूर्व सैनिक चौहान का घर गांव के अंतिम छोर पर है। गांव में बरसों पूर्व एक इंच की पाइप लाइन बिछाई गई थी। उस वक्त आबादी और घर कम थे। अब घरों की संख्या भी ज्यादा हो गई। छोटी पाइप लाइन होने के कारण लोग मोटर लगाकर पानी खींचते हैं। इस कारण अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाता।
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