ग्रामीणों की इस समस्या के समाधान के लिए अपने पहले के कार्यकाल में गहलोत सरकार ने पीपीपी योजना शुरू की थी। इसके तहत रोडवेज बस सेवा से वंचित ग्राम पंचायतों को रोडवेज बस सुविधा से जोडऩे के लिए निजी बस संचालकों को तय मापदंड के तहत राशि अदा कर ग्रामीण रूट पर संचालित करने का प्लान बनाया था। इसके तहत निजी बस संचालकों से आवेदन भी मांगे गए, लेकिन उन्होंने इस योजना में रुचि नहीं दिखाई।
जिन निजी बस संचालकों के पास ग्रामीण रूट का परमिट है। उनमें से अधिकतर सवारियां लेने के चक्कर में ग्रामीण रूट की अपेक्षा हाइवे पर अपनी गाडिय़ां दौड़ा रहे हैं। इससे ग्रामीणों को बस सुविधा नहीं मिल पा रही। परिवहन विभाग इनको निर्धारित रूट पर संचालित करने का कार्य प्रभावी तरीके से करे तो कुछ हद तक इस समस्या का समाधान हो सकता है।
48 साल की उम्र हो गई है। अभी तक एक बार भी रेंदड़ी गांव में रोडवेज बस आती नहीं देखी। सोजत से रेंदड़ी, भैसाणा, दूदौड़, मारवाड़ जंक्शन रूट पर बस शुरू हो तो ग्रामीणों को सुविधा मिले। गांव से शहर आने के लिए निजी बसों व आवश्यकता होने पर निजी वाहनों का उपयोग करना पड़ता है। – जगदीशसिंह लखावत, रेंदड़ी
क्षेत्र की अधिकतर ग्राम पंचायतों से उपखंड मुख्यालय तक आने के लिए रोडवेज बस सुविधा सालों से नहीं है। कई बार मांग उठा चुके है लेकिन समाधान अभी तक नहीं हुआ। ऐसे में ग्रामीण निजी बसों में सफर करने को मजबूर है। – धनसिंह कुम्पावत, अध्यक्ष सरपंच संघ, मारवाड़ जंक्शन