शहर के राइकों की ढाणी के एक डीएमए का कार्य अभी अंतिम चरण में है। इसके अलावा हाउसिंग बोर्ड के दो, जोधपुर रोड के एक, मंडिया व मंडली गांव के एक-एक, टैगोर नगर के दो, केशव नगर के एक, नया गांव के एक और बांगड़ कॉलेज के एक डीएमए का कार्य एक सप्ताह से तीस दिन में पूरा कर जलापूर्ति शुरू की जाएगी। इन सभी जगह पर अभी टेस्टिंग का कार्य चल रहा है।
जिन डीएमए में कार्य पूरा कर लिया गया है। वहां के सिस्टम को अब आयूआइडीपी की ओर से ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए ऑटोमाइजेशन कर स्काडा सिस्टम पर ले जाया जा रहा है। जो मानपुरा भाखरी पर लगा हुआ है। इस कार्य में अभी 30 दिन लगने के कारण जलापूर्ति सिस्टम में बगलाव देरी से होगा। इस सिस्टम से जुडऩे के बाद पानी की एक-एक बूंद का पूरा हिसाब रखा जा सकेगा।
हमारा कार्य 17 डीएमए में पूरा हो गया है। अभी 12 डीएमए में टेस्टिंग का कार्य चल रहा है। उसके ऑनलाइन सिस्टम पर जाते ही जलापूर्ति का कार्य जलदाय विभाग को सौंप दिया जाएगा। हमने शिकायत व अन्य समस्याओं के निस्तारण के लिए घरों पर यूनिक नम्बर प्लेट भी लगवाना शुरू कर दिया है। –केके अग्रवाल, अधिशासी अभियंता, आरयूआइडीपी, पाली
-राइकों की ढाणी, लेबर कॉलोनी व औद्योगिक क्षेत्र के 11 डीएमए
-गांधी नगर के चार डीएम
-शांतिनाथ व आशापुरा कॉलोनी का एक डीएमए
-सूरजपोल, महावीर नगर, तिलक नगर का एक डीएमए
आरयूआइडीपी ने जलदाय विभाग की चौकड़ी व्यवस्था की तर्ज पर डीएमए बनाए है। एक डीएमए में एक या अधिक कॉलोनियां शामिल है। जिनमें एक टंकी से एक समय पर जलापूर्ति की जाएगी। इन सभी डीएमए को ऑनलाइन सिस्टम से जोडऩे से उस क्षेत्र की जनसंख्या के अनुसार उपयोग में लिए जाने वाले पानी पर नजर रखी जा सकेगी।