पिछले कई महीनों से बजरी का यह अवैध कारोबार चल रहा है। पाली जिले के हाइवे के थानों की नाकाबंदी पर सवाल उठ रहे हैं। अवैध बजरी के ट्रक जैतारण, रायपुर मारवाड़, सेंदड़ा, रोहट, सदर, सांडेराव, गुंदोज पुलिस चौकी व सुमेरपुर थाना क्षेत्रों से सिरोही और फिर गुजरात होकर मुम्बई में गंतव्य तक पहुंचते हैं। इन थानों की नाकाबंदी पर भी सवाल उठ रहे हैं। वहीं परिवहन विभाग की फ्लाइंग हाइवे पर ऐसे ओवरलोड वाहनों को नहीं रोकती। प्रशासन की स्पेशल फोर्स भी अवैध बजरी खनन को नहीं रोकती। जोधपुर व रोहट क्षेत्र से भी बड़ी मात्रा में अवैध बजरी मुम्बई भेजी जाती है।
पाली जिले से जो बजरी मुम्बई भेजी जाती है, वह ट्रेलर में कट्टों के रूप में भरकर भेजी जाती है। ताकि रास्ते में दिक्कत नहीं हो। लॉकडाउन में भी इसकी भारी तस्करी हुई। नदी से खनन कर बजरी छानकर पत्थर आदि निकालकर साफ की जाती है और प्लास्टिक कट्टों में भर ट्रेलर लोड करके तिरपाल से ढंककर बांध दिए जाते हैं। कट्टे होने से किसी को संदेह भी नहीं होता है। बिल्टी भी किसी अन्य पदार्थ की बना ली जाती है।
मुम्बई व उसके आसपास खारा पानी होने से मीठी बजरी की किल्लत है। वहां बहुमंजिला इमारतों के निर्माण में मारवाड़ के बजरी की डिमाण्ड अधिक है। इसके चलते बजरी माफिया ने बड़े मुनाफे के फेर में अब यह कारोबार भी शुरू कर दिया और मुम्बई भेजने से भी नहीं कतराते हैं। रोहट पुलिस ने भी कुछ समय पहले दो ट्रेलर पकड़े थे, जिसमें ट्रेलर चालकों ने बजरी मुम्बई भेजना कबूला था।
अवैध बजरी खनन व परिवहन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इस सम्बंध में परिवहन विभाग व खनन विभाग से सम्पर्क करने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी अधिकारी जवाब देने की स्थिति में नहीं है।