वे राष्ट्रभक्ति साधना चातुर्मास के नाम पर आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रम में तीन माह तक नियमित रूप से कुरीतियों को खत्म करने और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का संदेश देंगे। आमतौर पर चातुर्मास की पृष्ठभूमि धार्मिक रहती है जिसमें संत-महात्मा कथा वाचन करते हैं। यहां ज्यादातर महिलाएं धार्मिक कथा का श्रवण करने आती है। पूरा आयोजन धर्म के इर्द-गिर्द ही रहता है। नांदगांव गोशाला पुष्कर के संत समताराम चातुर्मास को नई व्याख्या देने जा रहे हैं।
वे कथा वाचन के साथ-साथ श्रोताओं को राष्ट्रभक्ति और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का संकल्प भी दिलाएंगे। ओजस्वी वक्ता के रूप में पहचान रखने वाले संत का पाली में यह पहला चातुर्मास कार्यक्रम होगा।
कथा वाचन के जरिए संत की मुहिम -राष्ट्रभक्ति की साधना -गो सेवा को बढ़ावा -बालिका शिक्षा पर जोर -महिला उत्थान -कन्या भू्रण हत्या को राकना -गरीब कन्याओं के विवाह में सहयोग
-अनाथ बच्चों को शिक्षा से जोडऩा -अनाथ वृद्धों की सेवा -देश की संस्कृति को बचाना
3 जुलाई से चातुर्मास प्रारंभ शिवाजी नगर के शिव मंदिर में 3 जुलाई से दोपहर 3 बजे नियमित रूप से संत कथा वाचन करेंगे। राष्ट्र भक्ति साधना चातुर्मास आयोजन समिति, पाली और शिव हनुमान विकास समिति, पाली के तत्वावधान में यह आयोजन होगा। आयोजन समिति के बाघसिंह गुड़ा पृथ्वीराज ने बताया कि कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर चल रही है। 3 जुलाई को सुबह 7.30 बजे संत का नगर प्रवेश होगा। 9 बजे प्रतापनगर इच्छापूर्ण बालाजी मंदिर से शिव मंदिर तक कलश यात्रा निकाली जाएगी। दोपहर 3 बजे कथा वाचन शुरू होगा।