पैरवा गांव का पोस्ट ऑफिस पैरवा, भाडली, सोकड़ा, कोटड़ा और बिरोलिया गांवों से जुड़ा हुआ है। इन पांचों गांवों के लोगों का यहां के पोस्ट ऑफिस में खाता खुला हुआ है। मजे की बात यह है कि खाताधारकों की डायरी में सभी जमाएं दर्ज है और पोस्ट ऑफिस की सील भी लगी है। वास्तविक रूप से शाखा डाकपाल जमाकर्ताओं से पैसे लेकर खुदबुर्द करता गया और विभाग में जमा ही नहीं कराए। यह खुलासा तब हुआ जब एक खाताधारक ने तीन दिन पूर्व किसी अन्य शहर में अपना खाता ऑनलाइन चैक कराया। खाते में जमा राशि देखकर उसके होश उड़ गए। उसने तत्काल शिकायत की तो डाक विभाग हरकत में आया। अब ऐसे खाताधारक बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं जिनके साथ ठगी हुई। किसी का खाता बंद पड़ा है तो किसी की फिक्स डिपोजिट भी उड़ा ली। वृद्धावस्था पेंशन और सुकन्या योजना जैसे खातों में भी घपला करने से वह बाज नहीं आया। विभाग अब सभी खातों की जांच करवा रहा है।
शाखा डाकपाल मदनलाल पैरवा गांव का ही रहने वाला है। वह पिछले दो दशक से ज्यादा इसी पोस्ट ऑफिस में सेवाएं दे रहा था। ऐसे में ग्रामीणों को उस पर भरोसा था। इसी का फायदा उठाकर वह ग्रामीणों के विश्वास से खेलता गया। हैरानी की बात यह है कि खाताधारकों के साथ यह खेल बरसों से चल रहा है। ऐसे भी उदाहरण सामने आए है कि कई खाताधारकों से पैसा खुद ले लता और परिपक्व होने पर लौटा भी देता। घपले और गड़बड़ी के इस खेल से डाक विभाग कैसे बेखबर रहा, यह भी सवाल उठ रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक, डाकपाल ने डेढ़ से दो करोड़ रुपए का घपला किया है।
1. पैरवा निवासी ईश्वरसिंह ने 4 लाख 50 हजार रुपए जमा कराए। अब उनके खाते में महज 450 रुपए है। इसी तरह, उन्होंने पत्नी दशरथकंवर के नाम भी 4 लाख 50 हजार रुपए की एफडी कराई थी। दशरथकंवर के खाते में भी 450 रुपए ही जमा है। जबकि दोनों खातों में राशि जमा कराने की पावती खाताधारक के पास उपलब्ध है।
पैरवा गांव के शाखा डाकपाल को घपला करने के आरोप में निलम्बित किया है। मामले की जांच की जा रही है। सभी खातों की जांच करवाई जाएगी। दो दिन की जांच में 7 लाख रुपए का घपला पकड़ा गया है। जांच-पड़ताल चल रही है। तीन अधिकारियों को लगाया है। –पुखराज राठौड़, डाक अधीक्षक, पाली