नरसिंग जयंती के अवसर पर सोमनाथ मंरि के बाहर मलूका मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर परम्परानुसार हिरणकश्यप का स्वांग रचकर मलूका बाहर निकला। बाद में रास्ते में जो भी आया उसे मलूके ने सोटे बरसाए। बाद में सूर्यास्त के समय नरसिंग अवतार द्वारा वध करने पर जनता के कष्ट दूर हो जाते है।
नरसिंग जयंती के अवसर पर सोमनाथ मंरि के बाहर मलूका मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर परम्परानुसार हिरणकश्यप का स्वांग रचकर मलूका बाहर निकला। बाद में रास्ते में जो भी आया उसे मलूके ने सोटे बरसाए। बाद में सूर्यास्त के समय नरसिंग अवतार द्वारा वध करने पर जनता के कष्ट दूर हो जाते है।
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