सुंदरता और वफादारी है खासीयत
मारवाड़ी नस्ल के अश्व की खासीयत है उसकी सुंदरता। दूसरा, वह अपने मालिक के प्रति वफादार होता है। मारवाड़ का इतिहास अश्व के बिना नहीं लिखा जा सकता। प्राचीन समय में घोड़ों की कहानियां उनकी वफादारी का परिचय करवाती है। मारवाड़ी घोड़ों के अंगों की विशेषता यह है कि इनके कान पतले, ऊपर से गोलाई में मिले हुए होते हैं। जिस घोड़े के कान छोटे, छाती चौड़ी, मुख पतला और कपाल आगे उभरा हुआ, गर्दन लंबी, पुष्ट पु_े, कमर पतली होती है वह उत्तम नस्ल का मारवाड़ी अश्व होता है। दुनियाभर में मारवाड़ी नस्ल की शुद्धता के लिए अलग ही पहचान है।
इन्होंने कहा…
देश ही नहीं दुनियाभर में मारवाड़ी नस्ल के अश्व की अलग ही पहचान है। कई सेलिब्रिटिज मारवाड़ी अश्व के दीवाने हैं। उन्होंने कई अश्व खरीदे हैं। विदेशी सैलानियों को मारवाड़ी अश्व खूद पसंद है। कई सैलानी केवल इसीलिए भारत घूमने आते हैं।
गजेन्द्रपालसिंह पोषाणा, संयुक्त सचिव, ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स सोसायटी, जोधपुर
मारवाड़ी नस्ल के अश्व की खासीयत है उसकी सुंदरता। दूसरा, वह अपने मालिक के प्रति वफादार होता है। मारवाड़ का इतिहास अश्व के बिना नहीं लिखा जा सकता। प्राचीन समय में घोड़ों की कहानियां उनकी वफादारी का परिचय करवाती है। मारवाड़ी घोड़ों के अंगों की विशेषता यह है कि इनके कान पतले, ऊपर से गोलाई में मिले हुए होते हैं। जिस घोड़े के कान छोटे, छाती चौड़ी, मुख पतला और कपाल आगे उभरा हुआ, गर्दन लंबी, पुष्ट पु_े, कमर पतली होती है वह उत्तम नस्ल का मारवाड़ी अश्व होता है। दुनियाभर में मारवाड़ी नस्ल की शुद्धता के लिए अलग ही पहचान है।
इन्होंने कहा…
देश ही नहीं दुनियाभर में मारवाड़ी नस्ल के अश्व की अलग ही पहचान है। कई सेलिब्रिटिज मारवाड़ी अश्व के दीवाने हैं। उन्होंने कई अश्व खरीदे हैं। विदेशी सैलानियों को मारवाड़ी अश्व खूद पसंद है। कई सैलानी केवल इसीलिए भारत घूमने आते हैं।
गजेन्द्रपालसिंह पोषाणा, संयुक्त सचिव, ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स सोसायटी, जोधपुर