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मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों की दुनिया दीवानी, जानिए…किन हस्तियों को है घोड़ों से दीवानगी

locationपालीPublished: Oct 14, 2021 07:15:08 pm

Submitted by:

rajendra denok

मारवाड़ी अश्व

मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों की दुनिया दीवानी, जानिए...किन हस्तियों को है घोड़ों से दीवानगी

मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों की दुनिया दीवानी, जानिए…किन हस्तियों को है घोड़ों से दीवानगी

राजेन्द्रसिंह देणोक
पाली. सरकारी नीतियों और बदलते हालात के बीच रेगिस्तान के जहाज ऊंट की पहचान जरूरत फीकी पड़ती जा रही है। इस बीच, मारवाड़ी नस्ल अश्व देश-विदेश में अपनी नई छाप छोड़ रहा है। प्रदेश में आने वाले सैलानी मारवाड़ी अश्व की सवारी का लुत्फ उठाए बिना नहीं लौटते। इतना ही नहीं, उद्योग और फिल्मी जगत की हस्तियों को भी मारवाड़ी अश्व खूब लुभा रहा है। रिलायंस गु्रप के चेयरमैन मुकेश अंबानी, अडाणी गु्रप के चेयरमेन गौतम अडाणी, फिल्म अभिनेता सलमान खान, रितेश देशमुख, क्रिकेटर युसुफ पठान, रविन्द्र जडेजा और राकांपा नेता शरद पंवार के भाई व महाराष्ट्र के डेयरी अध्यक्ष रंजित पंवार समेत कई सेलिब्रिटीज marwadi horse के दीवाने हैं। पिछले कुछ महीनों में कई हस्तियों ने बहुतायत में अश्व खरीदे हैं। पंजाब समेत अन्य कई राज्यों में मारवाड़ी अश्व की मांग बढ़ गई है।

पश्चिमी राजस्थान में बहुतायत में है यह नस्ल

वैसे तो अश्व की गणना लंबे समय से नहीं हुई, लेकिन प्रदेश में इनकी संख्या करीब 24 हजार बताई जा रही है। जोधपुर संभाग में पोषाणा, रोहट, वरकाणा, गुड़ा पृथ्वीराज, नारलाई, घाणेराव, रणसीगांव, बालोतरा, बाड़मेर समेत कई कस्बों और गांवों में इस नस्ल के अश्व अस्तबल की शोभा बढ़ा रहे हैं। विदेशों में होने वाले समारोह में भी मारवाड़ी अश्व की अलग ही पहचान रहती है। अश्वपालन अब गांवों में भी बड़े पैमाने पर शुरू किया जा रहा है। गांवों में घूमने आने वाले सैलानी अश्व की सवारी का लुत्फ उठाते हैं। यह ग्रामीणों के लिए रोजगार का जरिया बन रहा है। अश्वपालक प्रदीपसिंह राठौड़ का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र में अश्वपालन अब रोजगार का बड़ा माध्यम बन रहा है। देशी और विदेशी सैलानी घुड़सवारी का लुत्फ उठाना पसंद करने लगे हैं। इससे अश्वपालन को भी बढ़ावा मिल रहा है।
सुंदरता और वफादारी है खासीयत

मारवाड़ी नस्ल के अश्व की खासीयत है उसकी सुंदरता। दूसरा, वह अपने मालिक के प्रति वफादार होता है। मारवाड़ का इतिहास अश्व के बिना नहीं लिखा जा सकता। प्राचीन समय में घोड़ों की कहानियां उनकी वफादारी का परिचय करवाती है। मारवाड़ी घोड़ों के अंगों की विशेषता यह है कि इनके कान पतले, ऊपर से गोलाई में मिले हुए होते हैं। जिस घोड़े के कान छोटे, छाती चौड़ी, मुख पतला और कपाल आगे उभरा हुआ, गर्दन लंबी, पुष्ट पु_े, कमर पतली होती है वह उत्तम नस्ल का मारवाड़ी अश्व होता है। दुनियाभर में मारवाड़ी नस्ल की शुद्धता के लिए अलग ही पहचान है।

इन्होंने कहा…
देश ही नहीं दुनियाभर में मारवाड़ी नस्ल के अश्व की अलग ही पहचान है। कई सेलिब्रिटिज मारवाड़ी अश्व के दीवाने हैं। उन्होंने कई अश्व खरीदे हैं। विदेशी सैलानियों को मारवाड़ी अश्व खूद पसंद है। कई सैलानी केवल इसीलिए भारत घूमने आते हैं।

गजेन्द्रपालसिंह पोषाणा, संयुक्त सचिव, ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स सोसायटी, जोधपुर
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