यह बात नेशनल कॉलेज ऑफ चेस्ट फिजीशियन लखनऊ कॉलेज के श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने कही। उन्होंने पत्रिका से विशेष बातचीत में बताया कि प्रदूषण के कारण श्वास रोग बढ़ रहा है। आमजन में यह रोग फैल रहा है। साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। प्रदूषण से प्रभावित बच्चों को जन्म से दस साल बाद मधुमेह होने का खतरा रहता है। इसके लिए हर व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।
VIDEO : मेडिकल कॉलेज में सेमिनार : विशेषज्ञ बोले- ‘श्वास रोग सबसे बड़ी समस्या, टीबी, सिलिकोसिस चुनौती’ विश्व में टीबी का हर चौथा मरीज भारतीय
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि विश्व में 27 प्रतिशत टीबी के मरीज भारत में है, यानि विश्व में टीबी का हर चौथा मरीज भारतीय है। इम्यूनिटी पॉवर कम होने से यह बीमारी फैल रही है। बच्चें, जवान व वृद्ध हर वर्ग में यह बीमारी हो रही है। भारत सरकार ने इसे 2025 तक खत्म करने का निर्णय किया है, इसके लिए कई योजनाएं भी चल रही है।
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि विश्व में 27 प्रतिशत टीबी के मरीज भारत में है, यानि विश्व में टीबी का हर चौथा मरीज भारतीय है। इम्यूनिटी पॉवर कम होने से यह बीमारी फैल रही है। बच्चें, जवान व वृद्ध हर वर्ग में यह बीमारी हो रही है। भारत सरकार ने इसे 2025 तक खत्म करने का निर्णय किया है, इसके लिए कई योजनाएं भी चल रही है।
शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है टीबी-डॉ. जैन
सेमिनार में भाग लेन आए महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज जयपुर के सीनियर प्रोफेसर डॉ. वीके जैन ने पत्रिका को बताया कि टीबी अब फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य अंगों में भी फैल रही है। जैसे हड्डी, हार्ट, ब्रेन में भी टीबी हो रही है, जो गंभीर है। हर व्यक्ति को श्वास रोग से परेशानी होने पर चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। प्रतिरोधक क्षमता कम होना, लाइफ स्टाइल ठीक नहीं होने से ऐसा हो रहा है। बच्चों में भी टीबी बढ़ रही है। इससे बचने के लिए लाइफ स्टाइल व खानपान ठीक रखना चाहिए, ताकि प्रतिरोधक क्षमता कम न हो।
सेमिनार में भाग लेन आए महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज जयपुर के सीनियर प्रोफेसर डॉ. वीके जैन ने पत्रिका को बताया कि टीबी अब फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य अंगों में भी फैल रही है। जैसे हड्डी, हार्ट, ब्रेन में भी टीबी हो रही है, जो गंभीर है। हर व्यक्ति को श्वास रोग से परेशानी होने पर चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। प्रतिरोधक क्षमता कम होना, लाइफ स्टाइल ठीक नहीं होने से ऐसा हो रहा है। बच्चों में भी टीबी बढ़ रही है। इससे बचने के लिए लाइफ स्टाइल व खानपान ठीक रखना चाहिए, ताकि प्रतिरोधक क्षमता कम न हो।
वेस्ट डिस्पोजल सहीं तरीके से जरूरी – डॉ.दीक्षित
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अजमेर के श्वास रोग विशेषज्ञ रमाकांत दीक्षित ने बताया कि धूल मिट्टी, वाहनों से उडऩे वाली धूल, पत्थर की खानों में काम करने वाले श्रमिकों को सिलिकोसिस होने का खतरा ज्यादा रहता है। उन्हें सभी उपकरणों के साथ काम करना चाहिए, प्रदूषित वेस्ट का डिस्पोजल सहीं ढंग से होना जरूरी है। इसके दुष्प्रभाव से फैफड़े कमजोर हो जाते है, अब तो आंत, गुर्दे पर भी असर होता है, सिलिकोसिस मरीजों को अत्यंत सतर्क रहना जरूरी है। पाली देश के सौ प्रदूषित शहरों में शामिल है, ऐसे में यहां के लोगों को सजग रहना चाहिए।
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अजमेर के श्वास रोग विशेषज्ञ रमाकांत दीक्षित ने बताया कि धूल मिट्टी, वाहनों से उडऩे वाली धूल, पत्थर की खानों में काम करने वाले श्रमिकों को सिलिकोसिस होने का खतरा ज्यादा रहता है। उन्हें सभी उपकरणों के साथ काम करना चाहिए, प्रदूषित वेस्ट का डिस्पोजल सहीं ढंग से होना जरूरी है। इसके दुष्प्रभाव से फैफड़े कमजोर हो जाते है, अब तो आंत, गुर्दे पर भी असर होता है, सिलिकोसिस मरीजों को अत्यंत सतर्क रहना जरूरी है। पाली देश के सौ प्रदूषित शहरों में शामिल है, ऐसे में यहां के लोगों को सजग रहना चाहिए।