पाली के अर्जुनसिंह शेखावत को मिला पद्मश्री
पालीPublished: Jan 25, 2021 11:16:41 pm
राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए 25 वर्ष से कर रहे हैं संघर्ष
पाली के अर्जुनसिंह शेखावत को मिला पद्मश्री
22 पुस्तकें लिख चुके हैं शेखावत पाली. राजस्थानी भाषा व साहित्य में उल्लेखनीय योगदान देने पर पाली के 87 वर्षीय साहित्यकार अर्जुनसिंह शेखावत को पद्मश्री से नवाजा जाएगा। इसकी सोमवार रात को घोषणा होते ही शहरवासियों में हर्ष की लहर दौड़ गई। लोगों ने शेखावत को फोन कर पद् श्री मिलने की बधाई दी।
राजस्थान भाषा व साहित्य को जीवन समर्पित करने वाले शेखावत ने अपने जीवन की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में की थी। इसके बाद वे बीडीओ बने। इस बीच उनका साहित्य प्रेम बढ़ता गया। राजस्थानी भाषा और संस्कृति व आदिवासी जीवन पर लिखे साहित्य के कारण यह पुरस्कार मिला है। वे अब तक 22 पुस्तकें लिख चुके है तथा कई पुस्तकों का अनुवाद और संपादन किया है। इस तरह उनके साहित्य की संख्या 50 तक पहुंच गई। ये
उन्हें अब तक अठारह पुरस्कार मिल चुके है।
ट्राइबल क्लचर ऑफ गरासिया पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद भी किया। भाखर रा भोमिया उनकी चर्चित पुस्तक है। राजस्थान भाषा की मान्यता के लिए वे 25 वर्ष से संघर्ष कर रहे हैं।