सीइटीपी के अरुण जैन ने कहा कि फैक्ट्री के दोनों और मिट्टी के रोके बनाए जाएंगे ताकि जहां से गंदा पानी निकले उसकी पहचान हो सके। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर चन्द्रभानसिंह भाटी, उपखण्ड अधिकारी उत्सव कौशल, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी आरके बोडा, दीपक ओझा, परिवहन अधिकारी राजेन्द्र दवे, कृषि विभाग के प्रभात रंजन, डिस्कॉम के अधिशाषी अभियंता मनीष माथुर आदि मौजूद रहे।
रेत के धोरे बनाने की हिदायत सड़क पर प्रदूषित पानी छोडऩे वाली इकाइयों की पहचान कर सीइटीपी के जरिए सभी फैक्ट्रियों के बाहर दोनों तरफ रेत के धोरे बनाने को कहा। कनसेंट टू ऑपरेट नहीं होने पर कार्रवाई के निर्देश दिए। परिवहन, कृषि, चिकित्सा, जलदाय एवं भूजल संरक्षण विभाग के अधिकारियों को सौपे गए दायित्व के अनुसार कार्रवाई के निर्देश दिए।