पाली. जिले में सेहत को लेकर लोग लगातार लापरवाह होते जा रहे है। इसका सीधा प्रभाव लोगों की औसत उम्र पर पड़ा है। बदलते खान-पान, दिनचर्या, अवसाद लोगों को उम्र से पहले ही बुजुर्ग बना रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डाले तो पिछले तीन सालों में लोगों की औसत उम्र कम हो चुकी है। 30 साल पहले तक लोग आसानी से 90 से 100 वर्ष तक जीते थे, लेकिन, अब लोगों की औसत उम्र 40 से 80 के रह गई है। चिकित्सक इसका मुख्य कारण लोगों का उम्र से पहले गंभीर रोगों की चपेट में आना बताते हैं। पिछले तीन सालों की बात करें तो जिले में सबसे ज्यादा मौत हार्ट अटैक से हुई है। इनमें 40 से 60 वर्ष के लोगों की संख्या ज्यादा रही। डॉक्टरों के माने तो लोगों को कम उम्र में मधुमेह, अवसाद , कैंसर जैसी बीमारियां हो रही है। जिससे उनकी मौत भी हो जाती है।
यह यह बीमारी है रोग का मुख्य कारण हृदय रोग – लोगों की बदली दिनचर्या ने सबसे ज्यादा दिल की सेहत को बिगाड़ा है। जिससे लोग हार्ट अटैक अधिक आ रहा है। गत वर्ष के आंकड़ों के अनुसार कुल मौत में से 24.8 प्रतिशत लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई है।
सांस की बीमारी – पाली में प्रदूषण के कारण लोगों को सांस की बीमारी हो रही है। बच्चों के फैफड़े अब कुछ कदमों की दूरी तय करते ही फुलने लगे है। आंकड़ों के अनुसार 10.2 प्रतिशत मौत सांस की बीमारियों से होती है।
टीबी – टीबी रोग से काफी लोग ग्रसित हो रहे हैं। इसमें डॉक्टर मरीज की लारवाहीं बता रहे है। मरीज अपना उपचार शुरू तो करते है, लेकिन कोर्स पूरा नहीं करते हैं। टीबी के कारण 10.1 प्रतिशत लोगों की मौत गत वर्ष हुई थी।
विभिन्न कैंसर – धुम्रपान व शराब की लत से कैंसर रोग बढ़ रहा है। जिले में हर माह आयोजित होने वाले शिविर में दो से दिन कैंसर के नए मरीज स्केन हो रहे है। गत वर्ष की बात करें तो 9.4 लोगों की मौत का कारण कैंसर रहा।