बांसिया के आस पास के कुओं पर रहने वाले किसानों के बच्चे बांसिया राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में अध्यनरत हैं। छात्र-छात्राएं रोजाना सडक़ पार कर स्कूल आवाजाही करते हैं। हादसे के डर से छात्र छात्राओं को एक दूसरे का हाथ थाम जोखिम उठाकर सडक़ पार करनी पड़ती है। कई बार हादसे हुए है जिसमें आधा दर्जन से अधिक लोगों की जान भी जा चुकी है।
बांसिया के ग्रामीणों ने फोरलेन पर कट की मांग उठाई। सडक़ निर्माण कम्पनी ने सम्पर्क सडक़ का निर्माण करवा इतिश्री कर ली। ये सम्पर्क सडक़ पिपलिया से बांसिया की तरफ बनी है। इससे दुपहिया वाहन चालकों को इस सम्पर्क सडक़ के उपयोग के लिए भी एक किलोमीटर का सफर गलत दिशा में तय करना पड़ता है।
बांसिया तिराहे पर कट नहीं होने से ग्रामीणों के साथ विद्यार्थियों को जान जोखिम में डाल सडक़ पार करनी पड़ती है। इससे आए दिन हादसे हो रहे हैं। मैंने केन्द्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री और कलक्टर को पत्र भेजा है। जिसमें ओवरब्रिज निर्माण कराने की मांग की है। –शिवानी कंवर, पंचायत समिति सदस्य, बांसिया